झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास कब संभालेंगे ओडिशा के राज्यपाल का पद? नवीन पटनायक के बारे में कही ये बात

रघुवर दास ने कहा कि पहले भी वे ओड़िशा जाते रहते थे, लेकिन सही मायने में इस बार बाबा जग्रन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है. ओड़िशा में रहने के कारण वे झारखंड को भी काफी करीब से देख पायेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2023 5:53 PM
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जमशेदपुर, संजीव भारद्वाज : ओड़िशा का राज्यपाल बनाये जाने पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूं कि एक मजदूर को संवैधानिक पद की अहम जिम्मेदारी संभालने का आदेश प्राप्त हुआ है. राष्ट्रीय नेतृत्व ने मंडल अध्यक्ष, विधायक, प्रदेशा अध्यक्ष, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड का मुख्यमंत्री बनाया. इसके बाद राज्यपाल बनाया. इससे बड़ी खुशनसीबी जीवन में और दूसरी नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि झारखंड में उनके नेतृत्व में एक बेदाग, जिम्मेदार, ईमानदार और जनता के प्रति जवाबदेह सरकार पांच साल तक चली. पार्टी के इस फैसले ने साफ कर दिया है कि संगठन के प्रति प्रतिबद्ध होकर काम करनेवाला कार्यकर्ता शिखर तक जा सकता है. ओड़िशा हमारा पड़ोसी प्रदेश है. वहां के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जनता की भलाई के लिए काफी बेहतर काम कर रहे हैं. उनके साथ मिलकर प्रदेश को और बेहतर कैसे बनाया जाये, इस पर फोकस प्लान तैयार करना है. ओड़िशा में भी प्रचुर खनिज संपदा है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व में ओडिशा में विकास हो रहा है. विकास की गति को और तेजी से कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस दिशा में मिलकर काम करना है. ओड़िशा को विकास की ऊंचाईयों पर कैसे ले जायेंगे, इसके लिए काम करना है. एग्रिको आवास में गुरुवार की सुबह से ही पार्टी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, विभिन्न कॉरपोरेट के प्रतिनिधिस, विभिन्न समाजसेवी संगठन, परिवार के लोग, रिश्तेदार, दोस्त-शुभचिंतकों का आना-जाना लगा रहा.

झारखंड की 14 लोकसभा सीटों पर कमल खिलाना है

एग्रिको स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए रघुवर दास ने कहा कि झारखंड की 14 लोकसभा सीटों पर कमल खिलाना है और अगले विधानसभा में झारखंड में डबल इंजन की सरकार बनाना है. उन्होंने कहा कि उन्हें किसी बात का मलाल नहीं है. कोई भी संवैधानिक पद जातिसूचक नहीं होता है. उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि राज्यपाल भी बनेंगे. पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेदारी पहले दिन दी थी, कल दी और जो आज दी है, उसे पूरी ईमानदारी के साथ निभाएंगे. झारखंड-जमशेदपुर में उनके सक्रिय राजनीति में नहीं रहने पर आनेवाले गैप के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि इसी का नाम भारतीय जनता पार्टी है, जो वंशवाद, परिवारवाद से दूर है. किसी के रहने या जाने से पार्टी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता है.

बीजेपी में कार्यकर्ता ही सबसे बड़ा : रघुवर दास

उन्होंने कहा कि पार्टी में कार्यकर्ता ही सबसे बड़ा होता है. वो कार्यकर्ता, जो झंडा लेकर सबसे आगे चलता है. वे भी एक कार्यकर्ता के रूप में 1980 में पार्टी में जुड़े. उन्होंने भी विधायक दीनानाथ पांडेय के लिए बूथ प्रबंधन किया. पार्टी किसी को भी चुनाव लड़ने के लिए टिकट दे, जिम्मेदारी कार्यकर्ता के कंधे पर आ जाती है कि कैसे अपने प्रत्याशी के सिर पर जीत का सेहरा बांधे. रघुवर दास ने कहा कि जमशेदपुर के लाखों मजदूरों का आशीर्वाद उनके साथ है. वे सभी आज खुश हो रहे होंगे कि उनके साथ का एक मजदूर ओड़िशा जैसे बड़े प्रदेश में संवैधानिक पद पर नियुक्त किया गया है.

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बीजेपी सिर्फ सत्ता के लिए राजनीति नहीं करती

श्री दास ने कहा कि बीजेपी केवल सत्ता पाने के लिए राजनीति नहीं करती है. विकास, सुशासन और बेहतर समाज का निर्माण कैसे हो, यह उसका पहला ध्येय रहता है. सत्ता आती-जाती रहती है. सत्ता सेवा करने का एक साधन है, साध्य नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में शोषित, वंचित और पिछड़ों का उत्थान हो रहा है, पूरे देश में मोदी की लहर चल रही है.

पीएम मोदी की सोच – टीम इंडिया के रूप में आगे बढ़े भारत

श्री दास ने स्वीकार किया कि उनके लिए राज्यपाल का संवैधानिक पद बिल्कुल एक अलग तरह का अनुभव होगा. प्रधानमंत्री मोदी की सोच है कि किस तरह संघीय ढांचे को मजबूत किया जाये, पूरा देश टीम इंडिया के रूप में आगे बढ़े, सभी राज्य विकसित हो. पहले भी वे ओड़िशा जाते रहते थे, लेकिन सही मायने में इस बार बाबा जग्रन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है. ओड़िशा में रहने के कारण वे झारखंड को भी काफी करीब से देख पायेंगे.

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