लौहनगरी के हर गली-मुहल्लों में बिक रही है मौत की पुड़िया सफेद
आदित्यपुर की मुस्लिम बस्ती की एक छोटी गली से निकल कर मौत की सफेद पुड़िया लौहनगरी के हर गली-मुहल्लों तक पहुंच रही है. पुलिस के लाख सक्रिय होने के दावे के बाद भी यह कारोबार तेजी से फैल रहा है.
बेरोजगार और स्कूल-कॉलेज के युवक-युवतियों को टारगेट कर रहे तस्कर
पहले नशे की लत लगाते हैं, फिर तस्करी के लिए करते हैं मजबूर
जमशेदपुर (निखिल सिन्हा) :
आदित्यपुर की मुस्लिम बस्ती की एक छोटी गली से निकल कर मौत की सफेद पुड़िया लौहनगरी के हर गली-मुहल्लों तक पहुंच रही है. पुलिस के लाख सक्रिय होने के दावे के बाद भी यह कारोबार तेजी से फैल रहा है. शहर के लगभग हर इलाके में नशे की सफेद पुड़िया आसानी से मिल रही है. कोई ऐसी जगह नहीं बची जहां इस धंधे से जुड़े लोग सक्रिय नहीं हैं. तस्कर हर क्षेत्र में कारोबार को बढ़ाने के लिए पैडलर को तैयार कर चुके हैं. जिन-जिन इलाकों में नशे की पुड़िया की बिक्री हो रही है. उस इलाके में चोरी, लूट और छिनतई की घटनाएं बढ़ी है. इस बात का खुलासा पुलिस के समक्ष चोरी, लूट, छिनतई में पकड़े जाने वाले कर रहे हैं. अधिकतर आरोपी पुलिस की पूछताछ में नशे की लत के कारण इस तरह की घटना को अंजाम देने की बात कबूल रहे हैं. ब्राउन शुगर लेने के आदी होकर युवा बर्बाद हो रहे हैं.बेरोजगार और टीनएजर्स को करते हैं टारगेट
ब्राउन शुगर, चरस, गांजा के तस्कर बेरोजगार और कम उम्र के युवक-युवतियों को टारगेट करते हैं. सूत्रों की मानें तो ब्राउन शुगर के तस्कर अब कपल पैडलर तैयार कर रहे हैं. युवक- युवती अब साथ में पुड़िया की सप्लाई कर रहे हैं. ऐसे में किसी को शक भी नहीं हो रहा है. तस्करों का गिरोह स्कूल-कॉलेज के आसपास सक्रिय रहता है. सबसे पहले युवाओं से दोस्ती करते हैं, फिर उन्हें ब्राउन शुगर, चरस आदि का नशा करने का ऑफर देते हैं. जो युवा ऑफर स्वीकार कर लेते हैं, वह उनकी चंगुल में फंस जाते हैं. कुछ दिनों तक महंगा नशा फ्री में कराते हैं. जब उसे नशे की लत लग जाती है तो उसे फ्री में देना बंद कर देते हैं. उनसे पैसे की मांग की जाती है नहीं तो पैडलर के रूप में उसे काम करने का ऑफर दिया जाता है. तस्कर कुछ युवाओं नशे की पुड़िया के साथ पैसा का भी ऑफर देते हैं. नशे की लत की वजह से कुछ युवा तस्करों के ऑफर को स्वीकार कर लेते हैं और तस्कर के अनुसार काम करने लगते हैं.हर पैडलर को अचानक से मिलता है डिलीवरी का लोकेशन
सूत्र बताते हैं कि ब्राउन शुगर के तस्कर का हर क्षेत्र में कारोबार चलता है. तस्कर के पास ब्राउन शुगर के लिए फोन आने पर वह अपने पैडलर को अचानक से लोकेशन बताता है. तस्कर हर बार अलग-अलग पैडलर को भेजता है, ताकि उसकी पहचान छुपी रही. पैडलर ग्राहक के पास जाकर काफी देर तक उसकी गतिविधि को देखता है. खुद को सुरक्षित पाकर ही वह पुड़िया की डिलीवरी ग्राहक को करता है.
सरगना का कोड है टाइगर
ब्राउन शुगर के तस्कर के सरगना से लेकर पैडलर काे अलग-अलग कोड से पुकारा जाता है. ताकि आम लोगों से पहचान छुपी रहे. सूत्र बताते हैं कि तस्कर के सरगना को टाइगर के नाम से पुकारा जाता है. वहीं अलग-अलग क्षेत्र के पैडलर का अलग-अलग कोड बना हुआ है. इसी प्रकार ब्राउन शुगर पुड़िया की संख्या के आधार पर कोड रखा गया है. अगर किसी इलाका में ज्यादा पुडिया की सप्लाई करनी है तो उसका कोड अलग होता है. एक- दो पुड़िया के लिए अलग कोड का इस्तेमाल तस्कर करते हैं.इन क्षेत्र में सबसे ज्यादा पैडलर
शहर के परसुडीह थाना क्षेत्र कीताडीह गाड़ीवान पट्टी इलाका, संजय नगर तालाब से सटा क्षेत्र, बर्मामाइंस के कैरेज कॉलोनी, चूना भठ्ठा बस्ती, भक्तिनगर, जुगसलाई में गौरीशंकर रोड, गरीब नवाज काॅलोनी और खरकई नदी तट से सटी बस्ती क्षेत्र, सीतारामडेरा के छायानगर, कल्याणनगर, चंडीनगर, भुइयांडीह लिट्टह चौक, भुइयांडीह बस स्टैंड के आस-पास का क्षेत्र, ग्वाला बस्ती रोड, मानगो और आजादनगर के क्षेत्र, सिदगोड़ा के कान्हू भठ्ठा और इसके आस-पास के क्षेत्र, डिमना लेक क्षेत्र, बिष्टुपुर का बाजार इलाका, सोनारी में पैडलर ज्यादा सक्रिय हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है