रियल एस्टेट को करेंगे मजबूत : मिथिलेश ठाकुर
बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया झारखंड चैप्टर की जनरल काउंसिल की बैठक सह इंस्टालेशन सेरेमनी का आयोजन रांची के एक होटल में किया गया.
बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया झारखंड की जेसी सह इंस्टालेशन सेरेमनी
जमशेदपुर :
बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया झारखंड चैप्टर की जनरल काउंसिल की बैठक सह इंस्टालेशन सेरेमनी का आयोजन रांची के एक होटल में किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पेयजल मंत्री मिथलेश ठाकुर, एसोसिएशन के झारखंड चेयरमैन शिबू बर्मन, जमशेदपुर से पूर्व चेयरमैन कौशल सिंह, आदित्यपुर के चेयरमैन रविंद्र झा, बीएन दीक्षित, अशोक चौधरी, राम जन्म सिंह, निर्मल श्रीवास्तव, रविंद्र समेत कोलकाता, दुर्गापुर, असम, धनबाद समेत कई क्षेत्रों से प्रतिनिधि शामिल हुए. समारोह जमशेदपुर निवासी बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया झारखंड चैप्टर के चेयरमैन शिबू बर्मन को नये पद की शपथ दिलायी गयी.योजनाओं को लागू करने को लेकर सरकार गंभीर : मिथिलेश ठाकुर
समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि राज्य के विकास के लिए सरकार हर प्रबुद्ध जन को सहयोगी बनाकर चलने को तैयार है. कोरोना के कारण शुरुआती दो-तीन साल में सरकार को काम करने में काफी परेशानियां हुई, लेकिन अब योजनाओं को लागू कराने में सरकार जरा भी पीछे नहीं हट रही है. बिल्डर एसोसिएशन ने अपनी बातें रखी है, सरकार उस पर गंभीरता दिखायेगी. रियल एस्टेट और कैसे मजबूत हो, ताकि लोगों को घर के पास ही रोजगार मिल सके, इस पर फोकस कर प्लान तैयार किया जायेगा. एसोसिएशन ने मंत्री मिथलेश ठाकुर का और मंत्री ने नवनियुक्त चेयरमैन शिबू बर्मन का अभिनंदन किया.एसोसिएशन सरकार के साथ चलने को तैयार : शिबू बर्मन
समारोह को संबोधित करते हुए चेयरमैन शिबू बर्मन ने कहा कि एसोसिएशन सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है. रियल एस्टेट एक ऐसा गैर सरकारी प्लेटफॉर्म है, जो झारखंड के लाखों ट्रेंड व अन ट्रेंड लोगों को 365 दिन रोजगार प्रदान कर सकता है. रियल एस्टेट को और बड़ा करने के लिए सरकार को कुछ समस्याओं पर गंभीरता दिखानी होगी. सरकार सिंगल विंडो सिस्टम की शुरुआत करे, ताकि मामलों के निष्पादन में आसानी हो. जमशेदपुर में विगत सात साल से टाटा लीज एरिया में मौखिक आदेश के बाद से जमीन-घर-मकान की रजिस्ट्री बंद है. इससे बड़ा व्यवसाय जहां प्रभावित हो रहा था, वहीं काफी लोग रोजगार से वंचित हो जा रहे हैं. बिल्डरों को बालू-गिट्टी कैसे उपलब्ध हो पाये, इसके लिए एक पॉलिसी बनायी जानी चाहिए.
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