दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के अधिकारियों के खिलाफ ग्रामीण हुए एकजुट वनकर्मियों और अधिकारियों की संपत्ति की जांच कराने समेत अन्य 8 सूत्री मांग को लेकर करेंगे प्रदर्शन प्रमुख संवाददाता, जमशेदपुर. दलमा वन क्षेत्र के वन कर्मियों ने नीमडीह प्रखंड अंतर्गत चेलियामा पंचायत के बांधडीह गांव के आदिवासी डाढू सिंह को वन्य सूअर का शिकार करने के मामले में जेल भेजने का मुद्दा गर्मा गया है. अब दलमा के आस-पास रहने वाले आदिवासी और जंगल पर निर्भर लोग एकजुट हो गये है. दलमा के आसपास के गांव नीमडीह और चांडिल (सरायकेला खरसावां जिला), बोड़ाम, पटमदा और एमजीएम थाना क्षेत्र (तीनों पूर्वी सिंहभूम जिला) के ग्रामीणों ने मंगलवार को मानगो स्थित दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी कार्यालय का घेराव करने की घोषणा कर दी है. दलमा वन क्षेत्र प्रभावित संघर्ष समिति बनायी गयी है. वनकर्मियों और अधिकारियों की संपत्ति की जांच सीबीआई से कराने समेत आठ सूत्री मांग को लेकर दो जुलाई को ये लोग घेराव करेंगे. इन लोगों की मांग है कि जंगली हाथी द्वारा किसानों के फसल बरबाद करने पर उनको एक लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाये. जान जाने की स्थिति में मृतक के परिजनों को दस लाख रुपये और एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दिया जाये. वन क्षेत्र में ग्रामीणों के जानवरों को चरने का अधिकार दिया जाये, वन क्षेत्र के अंदर के सरना स्थल, मंदिर, शमशान, कब्रिस्तान आदि सार्वजनिक स्थल पर वन विभाग द्वारा छेड़छाड़ बंद किया जाये. माकुलाकोचा हिरण पार्क चेक नाका में दोपहिया और चारपहिया वाहन पर टैक्स वसूली बंद की जाये, जंगल में सड़क मरम्मद कार्य बंद किया जाये क्योंकि यहां पेड़ों को नुकसान होता है.
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