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दारीसाई विज्ञान केंद्र के मजदूर गये हड़ताल पर, चार साल का बकाया वेतन की मांग

मजदूरों ने बताया कि विगत चार साल से वेतन बकाया है, जिससे हम लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. मजदूरों ने कहा कि एसडीएम, गालूडीह थाना व इमेल के माध्यम से बीएयू रांची को लिखित आवेदन सौंपा गया है

गालूडीह.

दारीसाई स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के अस्थायी मजदूर समेत कर्मचारियों ने लंबित बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर बुधवार को काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. सूचना पर जेबीकेएसएस जिला उपाध्यक्ष काकुली महतो व महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष पूनम महतो मजदूरों के समर्थन में पहुंचीं. मजदूरों ने बताया कि विगत चार साल से वेतन बकाया है, जिससे हम लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. मजदूरों ने कहा कि एसडीएम, गालूडीह थाना व इमेल के माध्यम से बीएयू रांची को लिखित आवेदन सौंपा गया है, लेकिन अबतक कोई पहल नहीं हुई है.

केंद्र में 22 लोग कार्यरत

मालूम हो कि दारीसाई कृषि विज्ञान केंद्र में अस्थायी मजदूर समेत कर्मचारी मिलाकर 22 लोग काम करते हैं. अस्थायी मजदूर कृषि से संबंधित विभिन्न कार्य करते हैं. मजदूरों और कर्मचारियों का कहना है कि एक-एक महिला मजदूरों का 75 से 80 हजार रुपये मजदूरी बकाया है. जबकि पुरुष मजदूरों का करीब डेढ़ लाख बकाया है. मजदूरों का कहना है कि जब तक बकाये वेतन का भुगतान नहीं होता है तब तक हड़ताल जारी रहेगा. मौके पर जयंती भकत, मंगला सिंह, उर्मिला रजक, गीता रानी मदीना, मीना मदीना, मंजुरा मदीना, मामपी गिरि, माला मदीना, संजू भकत, गौर सिंह, भूपेश सिंह, भवतोष गोराई, सनातन महतो, रति सिंह, सुधाकर महतो, रवींद्र सिंह, पापू महतो, नव सिंह, विष्णु सिंह, राजेश महतो, विमल राय, स्वपन चंद आदि उपस्थित थे.

केंद्र में धान व अरहर की नहीं हुई बुआई, नुकसान

दारीसाई कृषि विज्ञान केंद्र में मजदूरों का बकाया राशि का भुगतान नहीं होने से मजदूरों ने इस बार धान और अरहर की बुआई नहीं की है. उन्होंने बताया कि दारीसाई कृषि विज्ञान केंद्र में हर साल लगभग 22 एकड़ धान और 22 एकड़ अरहर की बुआई की जाती है. मजदूरों के हड़ताल पर चले जाने से धान और अरहर की बुआई नहीं हुई. इससे केंद्र को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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