जन जागरण और जन सहयोग से मलेरिया से मिलेगी मुक्ति
Malaria can be prevented through public awareness and public cooperation
विश्व मलेरिया दिवस आज : स्वास्थ्य विभाग में मुहिम की होगी शुरुआत, पूर्वी सिंहभूम जिले को मलेरिया मुक्त बनाने का लिया संकल्प
अशोक झा @ जमशेदपुर
आज 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस है. इसका उद्देश्य मलेरिया के खतरे, बचाव और इलाज के बारे में लोगों को जागरूक करना है. पूर्वी सिंहभूम जिले में स्वास्थ्य विभाग ने डुमरिया, मुसाबनी को मलेरिया के रेड जोन के रूप में चिह्नित किया है. यहां सबसे ज्यादा मलेरिया के मरीज मिले हैं. जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉक्टर ए मित्रा ने बताया कि नदी से सटे इलाकों में डायरिया व मलेरिया होने का खतरा ज्यादा रहता है. छोटे बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से माता मृत्यु, मृत शिशुओं का जन्म, नवजात शिशुओं का वजन कम होना एक प्रमुख समस्या है. इसे रोकने के लिए गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व मलेरिया की जांच अनिवार्य कर दी गयी है. झारखंड उन पांच राज्यों में से एक हैं, जहां मलेरिया के सबसे अधिक मामले दर्ज किये गये हैं. जिले में मलेरिया पर अंकुश लगाने के लिए सिविल सर्जन डॉ जुझार माझी ने जांच बढ़ाने का निर्देश दिया है. विश्व मलेरिया दिवस पर गुरुवार को मुहिम की शुरुआत की जायेगी. पूर्वी सिंहभूम जिले को मलेरिया मुक्त बनाने का संकल्प लिया जायेगा.
मलेरिया की रोकथाम के लिए जन जागरूकता जरूरी : सिविल सर्जनसिविल सर्जन डॉक्टर जुझार मांझी ने कहा कि मलेरिया की रोकथाम संभव है. इसे जन जागरण और जन सहयोग से रोका जा सकता है. अपने घर के आस-पास पानी जमा न होने दे. अगर पानी जमा है तो पानी में कीटनाशक दवा, जला हुआ मोबिल, केरोसिन डाले. ताकि मच्छर प्रजनन नहीं कर सकें. मच्छरदानी का प्रयोग करें. पानी की टंकी को ढक कर रखें. फ्रिज, कूलर, फूलदानी व अन्य बर्तनों का पानी सप्ताह में एक दिन अवश्य सुखा लें. बुखार होने पर चिकित्सीय परामर्श जरूर लें. उन्होंने कहा कि मलेरिया मरीजों की जांच सही समय पर होना अति आवश्यक है. मलेरिया की जांच एवं उपचार की सुविधा प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र में निःशुल्क उपलब्ध है. गंभीर मलेरिया के रोगियों की जांच एवं पूर्ण उपचार की सुविधा सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ सदर अस्पताल में उपलब्ध है.
मलेरिया बुखार मच्छरों से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है : डॉक्टर ए मित्राजिला मलेरिया पदाधिकारी डॉक्टर ए मित्रा ने कहा कि मलेरिया बुखार मच्छरों से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है. जो फीमेल एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है. इस मादा मच्छर में एक खास प्रकार का जीवाणु पाये जाते हैं जिसे डॉक्टरी भाषा में प्लाज्मोडियम नाम दिया गया है. केवल वही मच्छर व्यक्ति में मलेरिया बुखार संचारित कर सकते हैं, जिसने पहले किसी मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को काटा हो. ये वायरस लीवर तक पहुंच कर उसके काम करने की क्षमता को बिगाड़ देते हैं. मलेरिया में लाल रक्त कणिकाएं (आरबीसी) प्रभावित होती है, जिससे शरीर में रक्त की कमी हो जाती है व मरीज कमजोर होता जाता है. शरीर का तापमान 101 से 105 डिग्री तक बना रहता है. काफी ठंड लगती है व कांपता है. पूरे शरीर व माथे में दर्द, चेहरा लाल रहना, शरीर पर रूखा पड़ जाना, प्यास लगना, सांस लेने में तकलीफ, जी मिचलाना व उल्टी होना इसके मुख्य लक्षण हैं. ———-मलेरिया के लक्षण
– तेज बुखार– ठंड लगना
– पसीना आना– सिरदर्द, शरीर में दर्द
– उल्टी होना और जी मचलना– थका हुआ महसूस होना, कमजोरी —————–
मलेरिया की रोकथाम के उपाय– अपने आस-पास की सफाई रखें.
– मच्छरदानी लगाकर सोयें– घर के दरवाजा, खिड़की पर जाली लगायें
– घर के अंदर मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव करायें– मोस्कीटो रिपेलेंट मशीनों का घर में इस्तेमाल करें
– आमतौर पर शाम को मलेरिया का मच्छर कटता है, इससे बचें.– कपड़े ऐसा पहले जिससे पूरा शरीर ढक जाये
– जहां पानी जमा हो सावधानी बरते——–
डुमरिया, मुसाबनी में स्थिति विकराल
पूर्वी सिंहभूम जिले में डुमरिया और मुसाबनी प्रखंड को मलेरिया जोन चिह्नित किया गया है. यहां सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं. तीन माह में जिले में 63 हजार 372 लोगों की जांच की गयी. जांच में 479 मरीज मलेरिया के मिले. सबसे ज्यादा डुमरिया में 259 और मुसाबनी में 104 मरीज मिले. बहरागोड़ा, चाकुलिया, धालभूमगढ़ में 17- 17 मरीजों में मलेरिया की पुष्टि हुई है. इस साल जुगसलाई और पटमदा में तीन माह में एक भी मरीज नहीं मिला है.क्या कहता है आंकड़ावर्ष जनवरी से मार्च 2024 में ब्लॉक वाइज मिले मरीज
ब्लॉक मरीजबहरागोड़ा- 17
चाकुलिया- 17धालभूमगढ़- 17
घाटशिला- 13मुसाबनी- 104
डुमारिया- 259पोटका- 31
जुगसलाई- 00पटमदा- 00
अर्बन- 21डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है