World Tribal Day: पूर्वी सिंहभूम के जिला मुख्यालय जमशेदपुर के करनडीह की रहने वाली शिक्षिका नागीश्री मार्डी ने आदिवासी कल्चर से जुड़े कॉरपोरेट गिफ्ट बनाकर ना सिर्फ अपने साथ 13 महिलाओं के समूह को एक नयी पहचान और रोजी-रोजगार के साधन उपलब्ध करायी, बल्कि वह कारपोरेट सेक्टर की भी चहेती बन चुकी हैं.
पेशे से प्राथमिक स्कूल की टीचर हैं नागीश्री
तिरला गावता जीविका साकजी मंडल का संचालन करने वाली नागीश्री ने बताया कि वह पेशे से एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका है. वह एक महिला समिति से भी जुड़ी हुई है, जो जूट (एक प्राकृतिक रेशा) से बने हस्तशिल्प उत्पादों पर काम करती है.
टाटा स्टील फाउंडेशन की संवाद कार्यशाला ने बनाया उद्यमी
उन्होंने बताया कि उनकी शिक्षा और कमाई, दोनों तब शुरू हुई, जब वह और उनकी टीम ने टाटा स्टील फाउंडेशन की ओर से आयोजित संवाद कार्यशाला में भाग लिया. फिर जूट से अलग-अलग उत्पाद बनाकर और शहर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों और मेलों में भाग लेकर उद्यमिता की ओर एक नयी यात्रा शुरू की.
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जोहार हाट में उत्पादों की लगाई प्रदर्शनी
जोहार हाट में अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का मौका मिला और वहां से उन लोगों को समझ में आया कि वे कॉरपोरेट गिफ्ट के लिए अपने उत्पाद बना सकती हैं. इसकी वजह से ही टाटा कमिंस से जूट बैग के ऑर्डर भी मिले और अब स्थानीय विक्रेताओं से जूट बैग, फोल्डर और की रिंग के लिए लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं.
13 महिलाओं का बना लिया है समूह
उनकी समिति 6 महिलाओं से बढ़कर अब 13 महिलाओं का समूह बन गयी है. साथ ही ऐसी और महिलाओं को जोड़ने की कोशिश जारी है, जो अपनी प्रतिभा और कला को कमाई में बदलने और आजीविका की खोज में हैं.
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