सरकार ने फिफ्थ जेन टेक्नोलॉजी स्टार्टअप के लिए किया है 480 मिलियन डॉलर का प्रावधान : डायरेक्टर

एक्सएलआरआइ में तीन दिवसीय आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर कुल 62 पेपर प्रस्तुत किए गये

By Prabhat Khabar News Desk | April 13, 2024 9:16 PM

एक्सएलआरआइ में तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस का हुआ समापन, 117 पेपर प्रस्तुत हुए फोटो है वरीय संवाददाता, जमशेदपुर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी. वर्तमान बजट में सरकार ने फिफ्थ जनरेशन टेक्नोलॉजी स्टार्ट अप के लिये 480 मिलियन डॉलर का प्रावधान किया है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 3-डी प्रिंटिंग और ब्लॉक चेन शामिल हैं. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर एक मिथक है कि इससे नौकरी के अवसर कम होंगे, लेकिन ऐसी बात बिल्कुल नहीं है. कहा कि इससे रोजगार पर किसी प्रकार का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा, बल्कि इससे ह्यूमन लाइफ काफी आसान हो जाएगी. यह बातें एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर सबेस्टियन जॉर्ज एसजे ने कही. वे एक्सएलआरआइ में आयोजित डॉक्टोरल कोलोक्वियम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. तीन दिवसीय इस कोलोक्वियम में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एंड सस्टेनेबिलिटी विषय पर देश व दुनिया के विभिन्न हिस्से के विद्वानों ने पेपर प्रेजेंट किया. भारत समेत नेपाल, ओमान, स्पेन और यूके के कुल 117 पेपर जमा किए गये. जिसमें रिव्यू के बाद अंतिम रूप से कुल 62 पेपर प्रस्तुत हुआ. इसमें 19 डॉक्टोरल स्कॉलर एक्सएलआरआइ के जबकि अन्य 43 स्कॉलर देश व दुनिया के विभिन्न यूनिवर्सिटी व शिक्षण संस्थानों के थे. इस दौरान अंतिम रूप से बेहतर पेपर प्रस्तुत करने वाले रिसर्चरों को पुरस्कृत किया गया. एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर सबेस्टियन जॉर्ज एसजे ने कहा कि सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग, बिग डाटा इंटेलिजेंस, रियल टाइम डाटा और क्वांटम कम्युनिकेशन के क्षेत्र में शोध, प्रशिक्षण, मानव संसाधन और कौशल विकास को बढ़ावा देने के योजना बना रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने एआइ से आने वाले दिनों में काफी चुनौतियां निकल कर सामने आने की बातों को भी रखा. वहीं, फादर डोनाल्ड डिसिल्वा एस.जे. ने तनाव से बचने के लिए काम और स्व-निवेश को संतुलित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. डॉ. संजय पात्रो ने सार्थक अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया. साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को तेजी से उभरने वाला क्षेत्र बताया. उन्होंने उद्योग से एआई के विभिन्न उपयोग के मामलों और इसकी आवश्यकता के उदाहरण साझा किए. —- इन्हें मिला पुरस्कार ट्रैक- विजेता 1. मार्केटिंग- कुमार रोहित ( आइआइएम विशाखापट्टनम ) 2. फाइनांस – मानिक चंद्रा डे ( फारिक मोहन यूनिवर्सिटी, बालासोर ) 3. ऑपरेशंस – सौमिता घोष ( एक्सएलआरआइ जमशेदपुर ) 4. ह्यूमन रिसोर्स एंड ऑर्गनाइजेशन बिहेवियर – साई नवीन ( श्री सत्य साई इंस्टीट्यूट ऑफ हायर लर्निंग ) 5. स्ट्रेटेजी – स्वाति अग्रवाल ( एक्सएलआरआइ जमशेदपुर ) 6. सस्टेनेबिलिटी एंड पॉलिसी – ऋषिका राज ( आइआइटी खड़गपुर ) 7. इंटरप्रेनोयिरशिप – केवल राममानी ( दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, आगरा )

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