नारायणपुर. प्रखंड की पंचायतों में 15वें वित्त निधि से हुए कार्य और उस पर किये गये खर्च का शनिवार को सामाजिक अंकेक्षण हुआ. अंकेक्षण दल में धीरज सिंह, अमित कुमार और कुणाल सिंह शामिल थे. अंकेक्षकों ने पंचायत सचिव एवं मुखिया की ओर से 13वीं, 14वीं एवं 15वीं वित्त के लिए बनाये गये कैश बुक, मास्टर रोल, पासबुक, लेजर, एमबी बुक, चेक बुक, निर्गत पंजी, अवगत पंजी, ग्राम सभा के दस्तावेजों को बारीकी से देखा. इस दौरान टाइर्ड और अनटाइर्ड फंड की खर्च की गयी राशि की जांच पड़ताल की गयी. शहरपुर पंचायत के सामाजिक अंकेक्षण के दौरान यह बात सामने आई की लगभग 10 लाख अंतरिम राशि अभी भी खाते में जमा है. इसका उपयोग नहीं हुआ है. इस तरह के मामले अन्य पंचायतों में भी देखने को मिला. पंचायतों के विकास के लिए आई राशि के खर्च करने में पंचायत सचिव की कंजूसी सामने आई. सरकार वित्तीय राशि इसलिए देती है, ताकि पंचायतों में विकास कार्य हो सके, लेकिन नारायणपुर प्रखंड में एक पंचायत ऐसी है, जिनमें पंचायत सचिव राशि खर्च करने में ढुल-मूल रवैया अपना रहे हैं. अगर समय रहते राशि खर्च नहीं होती है तो वापस भी हो जायेगा. इस पंचायत का विकास भी अवरुद्ध होगा. मौके पर विभिन्न पंचायत के पंचायत सचिव और मुखिया मौजूद थे.
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