जामताड़ा : संताली भाषा को जन-जन तक पहुंचाने में अपना योगदान देने के लिए एक शिक्षक को राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने जा रहा है. 5 सितंबर को राष्ट्रपति भवन में महामहिम डॉ रामनाथ कोविंद उन्हें सम्मानित करेंगे. इस शिक्षक का नाम है सुशील कुमार मरांडी.
जेबीसी प्लस टू विद्यालय जामताड़ा के सहायक शिक्षक सुशील कुमार मरांडी शनिवार को ही नयी दिल्ली रवाना हो गये. मूलतः गोड्डा जिला के पौड़ेयाहाट प्रखंड के बाघमुंडा गांव के रहनेवाले हैं सुशील कुमार मरांडी. वर्ष 2008-09 में उन्हें राज्यस्तरीय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया है.
गोड्डा कॉलेज से डिग्री और भागलपुर से एमए एवं बीएड की पढ़ाई पूरी करनेवाले श्री मरांडी ने 1994 में जामताड़ा जेबीसी प्लस टू में संताली, सामाजिक विज्ञान के सहायक शिक्षक के रूप में योगदान दिया. उनके पिता स्व जियालाल मरांडी ग्राम प्रधान व प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक थे. उन्हीं की बदौलत वह इस लायक बने.
उन्होंने ओलचिकि लिपि में ‘पिक्टोरियल ग्लोसरी इन संताली’ किताब लिखी है, जिसे केंद्रीय भाषा संस्थान मैसूर ने प्रकाशित किया है. ‘ऑल सेडाक’ बच्चों की स्कूली किताब है. इनकी लिखी हुई कहानियां ‘दामिन रेयाक जुड़ासी’ सिदो-कान्हू विश्वविद्यालय में एमए में पढ़ायी जाती है.
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साहित्यकार परिषद जामताड़ा ने ‘गूलर के फूल’ और ‘पलास’ का प्रकाशन किया. इसका संपादन सुशील कुमार मरांडी ने किया. इसके अलावा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी इनके लेख प्रकाशित होते रहे हैं. सरकारी पत्रिका ‘होड़ संवाद’ के अलावा ‘हूल संवाद’, ‘हिपीड़ी’ एवं ‘नावा मार्शल’ पत्रिका के संपादक हैं.
सुशील कुमार मरांडी ऑल इंडिया संताली लेखक संघ के अलावा आसेका जामताड़ा, साहित्यकार परिषद जामताड़ा, साहित्य अकादमी नयी दिल्ली, केंद्रीय भाषा संस्थान मैसूर से जुड़े हैं.