एक व दो रुपये के सिक्के के नहीं चलने की अफवाह धीरे-धीरे छोटे दुकानदार व बड़े व्यवसाय से लेकर आमलोगों के बीच मुसीबत बन रही है. लोग कमाई के बाद भी खर्च कर पाने की स्थिति में नहीं हैं. चाय-पान की दुकान और ठेले-खोमचे लगाने वालों के पास कई हजार के सिक्के जमा हो गये हैं. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए अब केंद्र व सरकार की ओर से बड़ा कदम उठाने की आवश्यकता है.
जामताड़ा: भारतीय रिजर्व बैंक के आदेश के बावजूद जामताड़ा जिले में सिक्के के आदान-प्रदान को लेकर बड़ी समस्या हो गयी है. चाय-पान की दुकानों से लेकर शहर के बड़े व्यवसायी तक सिक्के लेने से मना कर देते हैं. इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. व्यवसायी का कहना है कि बैंक सिक्का लेने से मना करते हैं. इस कारण हमलोगों को परेशानी हो रही ह.
सजा का है प्रावधान
नियमानुसार देश में रहकर देश की मुद्रा का बहिष्कार करना कानूनी अपराध है. इसमें सजा का भी प्रावधान है मुद्रा का बहिष्कार करने वाले को जेल के अलावा अर्थ दंड का भी प्रावधान है. वहीं बैंकों के लिए यदि बैंक सिक्का लेने से मना करते हैं, तो बैंकिंग लोकपाल योजना 2006 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई के भागी हो सकती है.
सिक्का का लेनदेन बनी समस्या
केस स्टडी-एक
गल्ले की थोक विक्रेता परेश चौधरी ने कहा कि उसके पास 15 हजार का सिक्का जमा हो गया है. ग्राहक से सिक्का लेते हैं, लेकिन जामताड़ा में एसबीआइ मुख्य ब्रांच छोड़ अन्य कोई बैंक सिक्का जमा नहीं लेते हैं. जिस कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बड़ी पूंजी सिक्का में फंस गयी है. पैसा रहते व्यवसाय में नहीं लगा पा रहे हैं.
केस स्टडी-दो
आइसक्रीम विक्रेता प्रकाश कुमार ने कहा कि उनके पास 30 हजार से अधिक सिक्का रखा हुआ है. बैंक में जब सिक्का जमा करने जाते है तो बैंक के अधिकारी कोई बहाना बना देते हैं. कभी बोलते है कि लिंक फैल है, तो कभी कर्मी नहीं आने की बात करते हैं. कुछ बैंक में एक सप्ताह में घंटों लाइन में खड़ा रहने के बाद एक हजार रुपये का सिक्का जमा लेता है.
केस स्टडी-तीन
सुभाष चौक पर वर्षों से पान बेचने वाले सुभान अंसारी ने बताया कि उनके पास 20 से अधिक का सिक्का रखा हुआ है. कई बार बैंक में सिक्का जमा करने गये हैं, लेकिन बैंक के अधिकारी सिक्का नहीं चलने के बात कर लौटा लेते हैं. पान का बेचनेवाले की इतनी बड़ी रकम फंस गयी है. व्यवसाय प्रभावित हो रहा है.
केस स्टडी-चार
शहर के राजबाड़ी स्थित छोटे गल्ले के दुकानदार प्रीतम कुमार ने कहा कि बैंक वाले एक एवं दो रुपये का सिक्का जमा नहीं लेते हैं. इस कारण व्यवसाय पर काफी असर पड़ गया है. महाजन भी सिक्का नहीं ले रहे हैं.
क्या कहते हैं एलडीएम
बैंक को सिक्का लेना है. एक रुपये और या दो रुपये सभी सिक्का बैंक में जमा लिया जा रहा है. कुछ लोग जो अफवाह कर रहे वह गलत है. -एसएस पाठक, एमडीएम जामताड़ा