90 हजार का प्रतिवर्ष राजस्व देने वाला स्थल उपेक्षित
नारायणपुर : नारायणपुर प्रखंड का करमदहा नहीं बन सका पर्यटक स्थल. यहां के दुखिया बाबा मंदिर के समीप बराकर नदी का प्राकृ तिक छटा देखते ही बनती है. मकर संक्रांति के अवसर पर यहां 15 दिवसीय मेला धूमधाम से लगता है. जिसमें हजारों लोग पहुंचते हैं. बराकर नदी के करमदहा घाट पर झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के व्यवसायी दुकान लगाने पहुंचते हैं. दुखिया महादेव का प्रसिद्ध मंदिर यहां के लोगों के लिए अटूट आस्था का केंद्र है. मेला से सरकार को करीब 90 हजार रुपये का राजस्व प्रतिवर्ष प्राप्त होता है.
मगर सरकार हमेशा से अनदेखी कर रही है. इलाके के लोगों का काफी आस्था रखते है इस मंदिर से. यदि इसे पयर्टन स्थल के रूप में विकसित किया जाता तो यहां का आकर्षन बढ़ता और लोग यहां खींचे चले आते जिससे सरकार को और अधिक राजस्व की भी प्राप्ति होती और स्थानीय लोगों को राजगार भी मिलता जिससे उनके जीवन में खुशहाली आती और पलायन भी रूकता.