शहर में थी चाक चौबंद व्यवस्था

चौकसी. संताल, गिरिडीह व धनबाद के पुलिस अधिकारियों से भरा जिला सभी थानों में की गयी थी पूरी व्यवस्था एक से बढ़ कर एक गाड़ियों से भर गया था समाहरणालय एक दिन पहले से ही हो गयी थी पूरी तैयारी जामताड़ा : डीजीपी डीके पांडेय के आगमन को लेकर सोमवार को जिले में पुलिस की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2017 12:56 AM

चौकसी. संताल, गिरिडीह व धनबाद के पुलिस अधिकारियों से भरा जिला

सभी थानों में की गयी थी पूरी व्यवस्था
एक से बढ़ कर एक गाड़ियों से भर गया था समाहरणालय
एक दिन पहले से ही हो गयी थी पूरी तैयारी
जामताड़ा : डीजीपी डीके पांडेय के आगमन को लेकर सोमवार को जिले में पुलिस की जबरदस्त व्यवस्था थी. शहर के हर चौक-चौराहों पर पुलिस के जवान तैनात थे. शहर में भारी वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गयी थी. अहले सुबह से ही शहर के अंदर और शहर आनेवाली सभी सड़कों पर पुलिस की तैनाती हो गयी थी. शहर के सभी थानों को रविवार को ही साफ-सुथरा कर अपडेट कर लिया गया था. सबको इस बात की चिंता थी कि कहीं डीजीपी किसी थाना में नहीं घुस जायें.
दुलाडीह हेलीपैड पर भी सुबह से पुलिस के जवान तैनात थे. अधिकार और जवान हर क्षण रांची के संपर्क में थे. जैसे ही रांची से डीजीपी का हेलीकॉप्टर उड़ा, हर अोर सतर्कता और बढ़ गयी. बैठक के दौरान डीजीपी के संतुष्ट दिखने पर सबने राहत की सांस ली.
हेलीपैड पर थी तैनाती
दुलाडीह स्थित हेलीपैड पर डीजीपी के हेलीकॉप्टर को उतरना था. इसके लेकर भारी व्यवस्था की गयी थी. सुबह से ही वहां पर जवान तैनात थे. डीजीपी के हेलीकॉप्टर के उतरने से पहले वहां जिला एसपी डॉ जया रॉय ने उनकी अगवानी की. उनके साथ एसडीपीअो पुज्य प्रकाश, प्रशिक्षु डीएसपी नेहा बाला, साइबर डीएसपी सुमित कुमार थे. सबने डीजीपी का स्वागत किया. वहां से डीजीपी पुलिस केंद्र आये, जहां उन्हें गार्ड अॉफ अॉनर दिया गया. बैठक के दौरान बाहर मौजूद पुलिस के अन्य अधिकारी तरह-तरह की चर्चा में लगे रहे, पर अंत में जब उन तक डीजीपी के संतुष्ट होने की बात पहुंची तो उनके चेहरे पर तनाव कम हुआ.
चौराहों पर तैनात रहे जवान
डीजीपी के आगमन को लेकर शहर के सभी चौक-चौराहों पर पुलिस की तैनाती थी. कोर्ड मोड़, सुभाष चौक, रेलवे क्रॉसिंग, टावर चौक आदि जगहों पर पुलिस की तैनाती रही. सोमवार को कहीं भी जाम की स्थिति नहीं रही. इस कारण लोगों ने राहत की सांस ली.
बड़े वाहनों की नो इंट्री
सोमवार को शहर में बड़े वाहनों की इंट्री बंद रही. इस कारण कहीं भी जाम की स्थिति नहीं रही. लोगों का कहना था कि काश रोज ऐसी स्थिति रहती.
बदला-बदला सा था सर्किट हाउस
डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों के खाने की व्यवस्था सर्किट हाउस में थी. इस कारण सर्किट हाउस की व्यवस्था सोमवार को सुधरी हुई थी. हर ओर सफाई की गयी थी. पुलिसकर्मियों की भारी भीड़ के कारण छावनी में तब्दील हो गया था सर्किट हाउस. सोमवार को खाने की भी अच्छी व्यवस्था थी.
थानों में थी अच्छी व्यवस्था
डीजीपी की किसी भी थाने में अचानक घुसने और जांच करने की आदत को लेकर शहर व आसपास के सभी थानों में एक दिन पहले ही पूरी व्यवस्था कर ली गयी थी. साफ-सफाई से लेकर रजिस्टर तक अपडेट कर लिया गया था.
एक से बढ़ कर एक वाहन
संताल और कोयलांचल के पुलिस अधिकारियों के जामताड़ा आने से समारणालय बड़ी और लक्जरी गाड़ियों से भर गया था. इसको लेकर जवानों और अन्य लोगों में कौतुहल था. सब तरह-तरह की चर्चा कर रहे थे.
शायद धुल जाये जामताड़ा का कलंक
डीजीपी की बैठक और तैयारी को लेकर जिले में तरह-तरह की चर्चा थी. एक हप्ते से जारी तैयारी और हाल के दिनों में जिला पुलिस की सक्रियता को लेकर लोग भी उत्साहित हैं. डीजीपी की बैठक के बाद जब डीजीपी का यह बयान बाहर आया कि अब साइबर अपराधियों का खात्मा होगा, लोग ज्यादा उत्साहित हुए. सोमवार को सभी चौक-चौराहों पर यही चर्चा थी कि अब जामताड़ा का कलंक मिटेगा. सनद रहे साइबर अपराध के मामले में जामताड़ा देश में नामी है.
कोई भी ऐसा राज्य नहीं जहां के लोगों को इस जिले के साइबर अपराधियों ने ठगा नहीं हो और यहां उन राज्यों की पुलिस आयी नहीं हो. हालात यह हैं कि किसी भी दूसरे शहर के अच्छे होटलों में जामताड़ा के लोगों को कमरा आसानी से नहीं मिलता. घर भी लोग किराये पर नहीं देना चाहते. शादी-ब्याह में भी दिक्कत होने लगी है. इसको लेकर यहां के अच्छे लोगों में काफी चिंता है. सभी इससे मुक्ति चाहते हैं. आज की बैठक को लेकर ऐसे लोगों में इस बात की चर्चा काफी थी कि अब सरकार गंभीर है और स्थानीय पुलिस भी सजग है ऐसे में जल्द ही इस इलाके के माथे से यह कलंक धुलेगा.

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