अब जामताड़ा के सोखा ने कहा : गीता मेरी बेटी, 11 दिसंबर को डीसी कार्यालय में होगी मुलाकात
रांची/इंदौर:गढ़वा के बाद अब जामताड़ा के एक शख्स नेदावाकिया है कि भारत सरकार की पहल पर पाकिस्तान से स्वदेश लौटीमूक-बधिरयुवतीगीता उसकी बेटी है. वर्ष 2015 में भारत लौटी गीता पर झारखंड के गढ़वा के एक परिवार ने हाल ही में दावा किया था. तब गीता और उसके कथित माता-पिता का डीएनए नमूना लिया गया था, […]
रांची/इंदौर:गढ़वा के बाद अब जामताड़ा के एक शख्स नेदावाकिया है कि भारत सरकार की पहल पर पाकिस्तान से स्वदेश लौटीमूक-बधिरयुवतीगीता उसकी बेटी है. वर्ष 2015 में भारत लौटी गीता पर झारखंड के गढ़वा के एक परिवार ने हाल ही में दावा किया था. तब गीता और उसके कथित माता-पिता का डीएनए नमूना लिया गया था, लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी गुत्थी सुलझ नहीं सकी है.
इस बीच, अलग-अलग राज्यों के दो नये परिवारों ने मूक-बधिर युवती को अपनी लापता बेटी बताया है. गीता को महाराष्ट्र के अहमद नगर जिले के जयसिंह कराभरी इथापे और झारखंड के जामताड़ा जिले के सोखा किस्कू के परिवारों से जिलाधिकारी कार्यालय में 11 दिसंबर को मिलवाया जायेगा. दोनों परिवारों का दावा है कि यह लड़की कोई और नहीं, बल्कि उनकी खोयी बेटी है.
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गीता से दोनों परिवारों की मुलाकात कराये जाने के बाद जरूरत पड़ने पर उनके डीएनए नमूने भी लिये जायेंगे. इन नमूनों को गीता के डीएनए नमूने से मिलान के लिए सीबीआई की नयी दिल्ली स्थित केंद्रीय अपराध विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) भेजा जा सकता है. अब तक देश के अलग-अलग इलाकों के कम से कम 10 परिवार गीता को अपनी लापता बेटी बता चुके हैं. लेकिन, सरकार की जांच में इनमें से किसी भी परिवार का दावा फिलहाल साबित नहीं हो सका है.
ऐसे ही एक दावे को परखे जाने की कवायद के तहत गीता को झारखंड के गढ़वा जिले के विजय राम और उनकी पत्नी माला देवी से यहां 27 अक्तूबर को मिलवाया गया था. मूक-बधिर युवती ने इन्हें पहचानने से कथित तौर पर इन्कार कर दिया था. हालांकि, प्रशासन ने इस दंपती के डीएनए नमूने लिये थे और इन्हें जांच के लिएनयी दिल्ली स्थित सीएफएसएल भेज दिया था.
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प्रभारी जिलाधिकारी रुचिका चौहान ने कहा, ‘गीता पर दावे के मामले में हमें विजय राम और माला देवी के डीएनए नमूनों की जांच रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है. हम यह रिपोर्ट हासिल करने के लिए सीएफएसएल अफसरों के सतत संपर्क में हैं. गीता गलती से सीमा लांघने के कारण दशक भर पहले पाकिस्तान पहुंच गयी थी.’
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों के कारण गीता 26 अक्तूबर, 2015 को स्वदेश लौटी थी. इसके अगले ही दिन उसे इंदौर में मूक-बधिरों के लिए चलायी जा रही गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर भेज दिया गया था. तब से वह इसी परिसर में रह रही है.
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सुषमा स्वराज ने एक अक्तूबर को प्रसारित वीडियो संदेश में देशवासियों से भावुक अपील की थी कि वे गीता के माता-पिता की तलाश में सरकार की मदद करें. उन्होंने यह घोषणा भी की थी कि इस मूक-बधिर युवती को उसके बिछड़े माता-पिता से मिलवाने में सहयोग करने वाले व्यक्ति को एक लाख रुपये का इनाम दिया जायेगा.