आमदनी सलाना 10 करोड़, नहीं रुकती सुपरफास्ट ट्रेनें

बदहाली. जामताड़ा स्टेशन में सुविधा नदारद, यात्री ट्रेन पकड़ने चितरंजन व मधुपुर जाने को हैं विवश रेलवे को टिकटों की बिक्री से 40 लाख मासिक व रेलवे साइडिंग से पांच करोड़ सालाना होती है आमदनी जामताड़ा : जामताड़ा रेलवे स्टेशन विभागीय उपेक्षा का शिकार बन कर रह गया है़. स्टेशन में यात्री सुविधा का काफी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2017 5:34 AM

बदहाली. जामताड़ा स्टेशन में सुविधा नदारद, यात्री ट्रेन पकड़ने चितरंजन व मधुपुर जाने को हैं विवश

रेलवे को टिकटों की बिक्री से 40 लाख मासिक व रेलवे साइडिंग से पांच करोड़ सालाना होती है आमदनी
जामताड़ा : जामताड़ा रेलवे स्टेशन विभागीय उपेक्षा का शिकार बन कर रह गया है़. स्टेशन में यात्री सुविधा का काफी अभाव है़. यहां सुपरफास्ट ट्रेनों का ठहराव नहीं होता है. इस कारण यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है. जबकि रेलवे को जामताड़ा स्टेशन से करीब दस करोड़ रुपये प्रतिवर्ष राजस्व मिलता है.
इसके बावजूद सुपरफास्ट ट्रेनों का ठहराव नहीं है़ जिला के यात्रियों को सुपरफास्ट ट्रेनों को पकड़ने के लिए चितरंजन व मधुपुर स्टेशन जाना पड़ता है़. कई ऐसे यात्रियों को इन दोनों स्टेशनों में सुपरफास्ट ट्रेन पकड़ने के दौरान ट्रेनें छूट भी जाती है़. जामताड़ा के यात्री यदि मधुपुर स्टेशन ट्रेन पकड़ने के लिए जाते हैं तो पिछले स्टेशन में ही पैसेंजर ट्रेनों को रोक दिया जाता है और सुपरफास्ट ट्रेनों को निकाल दिया जाता है़, जिस कारण यात्रियों को मधुपुर व चितरंजन स्टेशन पहुंचने के पूर्व ही सुपरफास्ट ट्रेन निकल जाती हैं.
180 मीटर प्लेटफॉर्म का किया जा रहा निर्माण : जामताड़ा स्टेशन को लगभग 40 लाख रुपये प्रति माह टिकटों की बिक्री से राजस्व प्राप्त होती है़ जबकि रेलवे साइडिंग से प्रति वर्ष पांच करोड़ रुपये. इसके बावजूद जामताड़ा स्टेशन में सुपरफास्ट ट्रेनों का ठहराव नहीं हो रहा है़. स्थानीय जनप्रतिनिधि ने भी कई बार सुपरफास्ट ट्रेनों की ठहराव की मांग की है, लेकिन किसी प्रकार का पहल आज तक नहीं हुआ़ दूसरी ओर जामताड़ा स्टेशन में 180 मीटर का प्लेटफॉर्म का निर्माण किया जा रहा है़ उक्त प्लेटफॉर्म पर ट्रेनें रुक सकती है़.
क्या कहते हैं यात्री
जामताड़ा स्टेशन से लंबी दूरी तक जाने के लिए कोई सुपरफास्ट ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से ट्रेन पकड़ने में कठिनाई होती है़ रेलवे को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है़
– अरविंद कुमार
जामताड़ा स्टेशन में पूर्वा, बलिया सहित कई स्पेशल ट्रेनों का ठहराव होना चाहिए. ताकि दिल्ली सहित अन्य जगह जाने में लोगों को सहूलियत हो.
– जनार्दन कुमार
जिला गठन होने के वर्षों बाद भी सुपरफास्ट ट्रेनों का ठहराव नहीं हुआ़ रेल मंत्रालय को सुपरफास्ट ट्रेनों की ठहराव को लेकर गंभीरता से लेने की जरूरत है़.
– मोहन मंडल
इन एक्सप्रेस ट्रेनों का होता है ठहराव
आनंद बिहार-पटना-कोलकाता एक्सप्रेस, साउथ बिहार-राजेंन्द्र नगर दुर्ग एक्सप्रेस, दुमका-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस, हटिया-पटना पाटलीपुत्र एक्सप्रेस, धनबाद-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस, टाटा-दानापुर एक्सप्रेस, हावड़ा- नई दिल्ली उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस, अमृतसर- हावड़ा एक्सप्रेस, रांची-देवघर इंटरसिटी एक्सप्रेस का दोनों लाइन में ठहराव प्रतिदिन होता है़. जबकि मिथिला एक्सप्रेस सिर्फ अप लाइन में रुकती है एवं हावड़ा- काठगोदाम एक्सप्रेस डाउन लाइन में रुकती है़. जबकि सुपरफास्ट ट्रेनों में एक मात्र हावड़ा- पटना जनशताब्दी का ठहराव होता है़.

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