जामताड़ा पुलिस सुस्ती में, बैंक लुटेरे मस्ती में

साढ़े तीन माह बाद भी बैंक ऑफ बड़ौदा लूट मामले का नहीं हुआ खुलासा 59 लाख रुपये की हुई थी लूट गठित जांच टीम को नहीं मिली अपेक्षित सफलता रुपये की बरामदगी भी है बड़ा सवाल अंधेरे में तीर चला रही पुलिस, लुटेरे पुलिस की पहुंच से काफी दूर मिहिजाम : शहर में स्थित बैंक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 19, 2018 5:02 AM

साढ़े तीन माह बाद भी बैंक ऑफ बड़ौदा लूट मामले का नहीं हुआ खुलासा

59 लाख रुपये की हुई थी लूट
गठित जांच टीम को नहीं मिली अपेक्षित सफलता
रुपये की बरामदगी भी है बड़ा सवाल
अंधेरे में तीर चला रही पुलिस, लुटेरे पुलिस की पहुंच से काफी दूर
मिहिजाम : शहर में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में 59 लाख रुपये की लूट की घटना में पुलिस अभी तक अंधेरे में लाठी पीट रही है. घटना को हुए तीन माह बीत चुके हैं. लेकिन पुलिस अभी तक किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है. आखिर लूट की घटना में किसका हाथ है, अब तक सुराग तक भी जामताड़ा पुलिस नहीं जुटा पायी है. मामले के उदभेदन को लेकर पुलिस अब तक दर्जन भर लोगों को हिरासत में लेकर भले ही पूछताछ कर चुकी है मगर कोई नतीजा देखने में नहीं आ रहा है. घटना को अंजाम देने वाले अपराधी पुलिस की पकड़ से बहुत दूर है. मालूम हो कि 2 फरवरी 2018 को चार अपराधियों ने नगर के भीड़-भाड़ एवं अति व्यस्त माने जाने वाले स्टेशन रोड स्थित बैंक की शाखा में घटना को अंजाम देकर फरार हो गये थे. बैंक कर्मियों के द्वारा घटना के बाद पुलिस को सूचना देने पर लोगों को इसकी जानकारी हो पायी थी. मामले के उद्भेदन को लेकर फिलहाल पुलिस कुछ भी स्पष्ट बताने से परहेज कर रही है. सूत्रों का कहना है कि घटना के बाद से ही पुलिस लगातार शातिरों पर नजर बनाएं हुए है.
मामले के उदभेदन के लिये बनायी गयी थी टीम, कह रहे : जारी है प्रयास
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पूज्य प्रकाश, मुख्यालय डीएसपी जयदीप लकड़ा, साइबर सेल डीएसपी सुमित कुमार, प्रशिक्षु डीएसपी नेहा बाला के अलावा पुलिस निरीक्षक स्तर के पदाधिकारियों की अलग-अलग टीम गठित कर मामले की पड़ताल की जा रही है. अपराधियों की धर पकड़ के लिए पुलिस झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक आदि राज्यों में दबिश देकर अपराधियों को खोजने में जुटी है. लेकिन मामले में सफलता नहीं हासिल कर सकी है. पुलिस के लिए सबसे बड़ा सिर दर्द अपराधियों की गिरफ्तारी के लिये लूटी गयी रकम की बरामदगी भी है. जिसे लेकर सिर्फ और सिर्फ प्रयास ही जारी है. अब देखने वाली बात ये होगी कि कब तक इस घटना का उदभेदन हो पायेगा.

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