ओके…. विकास से कोसों दूर जेरुवा गांव

प्रतिनिधि, मुरलीपहाड़ीप्रखंड के टोपाटांड़ पंचायत का जेरुवा गांव राज्य गठन के 14 वर्ष बाद भी विकास से कोसों दूर है. करीब एक हजार अल्पसंख्यक बाहुल्य इस गांव में सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य, बेरोजगारी की समस्या है. मुख्य सड़क से गांव जाने वाली सड़क की स्थिति जर्जर है. कच्ची सड़क में भी पैदल चलना दूभर है. पेयजल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2014 8:03 PM

प्रतिनिधि, मुरलीपहाड़ीप्रखंड के टोपाटांड़ पंचायत का जेरुवा गांव राज्य गठन के 14 वर्ष बाद भी विकास से कोसों दूर है. करीब एक हजार अल्पसंख्यक बाहुल्य इस गांव में सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य, बेरोजगारी की समस्या है. मुख्य सड़क से गांव जाने वाली सड़क की स्थिति जर्जर है. कच्ची सड़क में भी पैदल चलना दूभर है. पेयजल के लिए भी पुख्ता इंतजाम नहीं है. आधे से अधिक परिवार के लोग डोभा का दूषित पानी पीने को विवश है.नहीं है स्वास्थ्य केंद्र गांव में स्वास्थ्य केंद्र की भी स्थापना नहीं की गयी है. लोग झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे हैं. ग्रामीणों की माने तो सरकार की कल्याणकारी योजना से भी कई लोग वंचित हैं. कई ऐसे गरीब परिवार है जिन्हें अब तक इंदिरा आवास नहीं मिला. वहीं कई वृद्ध पेंशन के लिए भटक रहें हैं. मांगने पर नहीं मिलता काममनरेगा योजना के तहत कई निबंधित मजदूर है. लेकिन इन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है. ऐसे मजदूर कम मजदूरी पर किसान के यहां काम करते हैं. जबकि अधिकतर लोग अन्य जगहों में पलायन कर रहे हैं. ग्रामीण मंसूर अंसारी, महफुज अंसारी, फारुक अंसारी, अकमल अंसारी ने बताया कि सरकार हमलोगों के गांव के समुचित विकास के लिए गंभीर नहीं है. सड़क हो या अन्य समस्या! सभी से सरकार के विभिन्न विभाग को अवगत करा चुके हैं. लेकिन अब तक इस दिशा में किसी प्रकार की सकारात्मक पहल नहीं की गयी है. पंचायती राज से भी ज्यादा लाभ नहीं मिला. इस बाबत उप मुखिया मो कलीम ने बताया कि पंचायत स्तर पर जो फंड दिये जाते हैं उसमें सभी समस्या का निदान तो नहीं किया जा सकता है. यहां की समस्या से विभागीय अधिकारी से मिलकर समाधान के लिए रखा गया है.

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