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डायलिसिस कराने हर माह सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं किडनी के 26 मरीज

जिले में किडनी रोग के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो काफी चिंतित करनेवाला है.

जामताड़ा. जिले में किडनी रोग के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो काफी चिंतित करनेवाला है. इसका कारण लोगों के बिगड़ते खान-पान के कारण बताया जा रहा है. लाइफ स्टाइल के कारण बिगड़ते खान-पान व मानसिक तनाव के कारण लोगों में हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज जैसी समस्याएं बढ़ जाती है. चिकित्सकों से उपचार नहीं लेने व अधिक समय तक समस्या रहने पर किडनी खराब होने की समस्याएं आ जाती है. दर्द निवारक दवाओं को लगातार सेवन से भी किडनी खराब होने की संभावना रहती है. समय रहते किडनी की बीमारियों का पता चल जाए तो इसका इलाज आसान होता है. हर महीने सदर अस्पताल में 26 से ज्यादा किडनी के मरीज डायलिसिस कराने पहुंच रहे हैं. इसके अलावा निजी अस्पतालाें की बातें करें तो यह संख्या और भी बढ़ सकती है. सदर अस्पताल में पीपीपी मोड में संचालित डायलिसिस सेंटर में प्रत्येक सप्ताह दो से तीन बार डायलिसिस कराने किडनी के मरीज पहुंचते हैं. स्काग संजीवनी की ओर से पीपीपी मोड में संचालित डायलिसिस सेंटर में आयुष्मान कार्ड व 72 हजार रुपये से कम आय वाले लोगों का निशुल्क डायलिसिस किया जाता है, जबकि सामान्य लोगों को डायलिसिस में 1206 रुपये प्रति डायलिसिस की दर से देना पड़ता है. क्या कहते हैं डीएस- किडनी बीमारी ग्रसित होने का मुख्य कारण रहन-सहन व खान-पान है. लाेगों को खान-पान में परहेज करने की आवश्यकता है. लोगों को डायबिटिज, ब्लड प्रेशर की समस्याएं न हो. इन कारणों से भी किडनी पर असर पड़ता है. सदर अस्पताल में डायलिसिस के लिए चार बेड, चार मशीन हैं, जहां प्रतिदिन किडनी से ग्रसित मरीजों का डायलिसिस किया जाता है. – डॉ आलोक विश्वकर्मा, डीएस, सदर अस्पताल सदर अस्पताल में डायलिसिस का आंकड़ा माह डायलिसिस की संख्या जनवरी 253 फरवरी 223 मार्च 232 अप्रैल 224 मई 103 (अब तक)

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