ग्यारह की जगह मात्र एक शिक्षक

शिकारीपाड़ा : दुमका जिले में प्राथमिक, मध्य के साथ-साथ उच्च विद्यालयों का भी बुरा हाल है. अधिकांश विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है. शहर व आसपास के क्षेत्र में सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में स्थिति ठीक है, पर ग्रामीण क्षेत्रों में शायद ही कोई ऐसा स्कूल है, जहां सृजित पदों के अनुरूप सभी विषयों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2015 11:16 AM
शिकारीपाड़ा : दुमका जिले में प्राथमिक, मध्य के साथ-साथ उच्च विद्यालयों का भी बुरा हाल है. अधिकांश विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है. शहर व आसपास के क्षेत्र में सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में स्थिति ठीक है, पर ग्रामीण क्षेत्रों में शायद ही कोई ऐसा स्कूल है, जहां सृजित पदों के अनुरूप सभी विषयों के शिक्षक पदस्थापित हों.
राजकीयकृत उच्च विद्यालय बेनागड़िया में 150 छात्र-छात्रओं का पठन-पाठन एक शिक्षक के भरोसे चलता है़ 1964 में स्थापित इस विद्यालय में 11 शिक्षक व तीन शिक्षकेतर कर्मचारियों का पद सृजित है़ जिसके विरुद्घ एकमात्र शिक्षक मनोज कुमार दास व लिपिक अशोक कुमार महतो ही पदस्थापित है़ विद्यालय में बिजली, कॉमन रूम, पुस्तकालय आदि की व्यवस्था नहीं है़
इस विद्यालय से निकटतम उच्च विद्यालय शिकारीपाड़ा 25 किमी है़ अनुसूचित जाति-जनजाति बाहुल्य इस क्षेत्र में अवस्थित इस उच्च विद्यालय के पोषक क्षेत्र में मध्य विद्यालय भुटकांदर, आमचुआं, मिशन मध्य विद्यालय बेनागड़िया, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेनागड़िया, धनघरा, बांकीजोर, मझियानपाड़ा आदि है़ इन स्कू लों से आठवीं पास करने वाले बच्चों के लिए यह विद्यालय ही एकमात्र विकल्प है.

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