ओके ::: तेतोलटोला में समस्याओं का अंबार
सड़क कच्ची व जर्जरबिजली व पानी की सुविधा नहींप्रतिनिधि, बिंदापाथरअंगुठिया गांव के तेतोलपाड़ा मंे लगभग 20 आदिवासी परिवार करते हैं. झारखंड अलग होने के बाद भी इस टोला के आदिवासी लालटेन युग मंे जीने को विवश हैं. सड़क भी कच्ची व जर्जर है. बारिश में इस पर पैदल चलाना भी चलना मुश्किल हो जाता है. […]
सड़क कच्ची व जर्जरबिजली व पानी की सुविधा नहींप्रतिनिधि, बिंदापाथरअंगुठिया गांव के तेतोलपाड़ा मंे लगभग 20 आदिवासी परिवार करते हैं. झारखंड अलग होने के बाद भी इस टोला के आदिवासी लालटेन युग मंे जीने को विवश हैं. सड़क भी कच्ची व जर्जर है. बारिश में इस पर पैदल चलाना भी चलना मुश्किल हो जाता है. साथ ही पेयजल की समस्या है. दर्जनों जरूरतमंदों को अबतक पेंशन का लाभ नहीं मिला है. इधर, रोजगार के अभाव में युवा पलायन करने को मजबूर है. क्या कहते हैं ग्रामीण पंचायत के हर गांव हर टोला में बिजली पहंुच गयी है, लेकिन इस टोला में अबतक बिजली नहीं आयी है. एक वर्ष पूर्व विभाग के लोग सर्वे करने आये थे, लेकिन कुछ नहीं हुआ. बाबूधन सोरेन, तेतोलपाड़ा ग्राम प्रधानपंचायत चुनाव होने से आस जगी थी कि अब गांव का विकास होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. आज भी आदिवासी गांव के ग्रामीण विकास के लिए तरस रहे हैं.बाबूश्वर सोरेनइस टोला मंे दर्जनों जरूरतमंद को पेंशन नहीं मिला है. साथ ही कई गरीबों का भी बीपीएल सूची से नाम कटा हुआ है, जिससे सरकारी लाभ मिलने मंे बाधा आ रही है.बालिका हेंब्रम सरकार गांव में रोजगार के लिए कुछ नहीं सोचती है. रोजगार के लिए लोग पलायन करने के लिए मजबूर हैं. नयी सरकार से हमलोगों को काफी उम्मीद है.उत्तम मरांडी……….फोटो: 18 जाम 09,10,11,12 प्रतिक्रिया देते ग्रामीण, 13 गांव