ओके :: कृष्ण लीला ने श्रोताओं का मनमोहा
प्रतिनिधि, विद्यासागरश्रीमद्भागवत कथा के छठे कदन प्रिया बल्लभ कंुज वृंदावन धाम से पधारे श्रीहित ललित बल्लभ नागार्च ने प्रवचन में कहा कि कृष्ण की वंशी निनाद सुनकर गोपियां लौकिक और वैदिक परंपराओं को तोड़कर कृष्ण के पास आती है. यह प्रेम की सर्वोपरिता है. कृष्ण प्रेमाधिन होकर गोपियों के संकेत पर नाचते हैं, गाते हैं […]
प्रतिनिधि, विद्यासागरश्रीमद्भागवत कथा के छठे कदन प्रिया बल्लभ कंुज वृंदावन धाम से पधारे श्रीहित ललित बल्लभ नागार्च ने प्रवचन में कहा कि कृष्ण की वंशी निनाद सुनकर गोपियां लौकिक और वैदिक परंपराओं को तोड़कर कृष्ण के पास आती है. यह प्रेम की सर्वोपरिता है. कृष्ण प्रेमाधिन होकर गोपियों के संकेत पर नाचते हैं, गाते हैं . नित्य रासलीला में राधा कृष्ण एक क्षण के लिये भी एक दूसरे से अलग नहीं होते हैं. नित्य और नैमित्तिक रासलीला का अनुभव करने के लिये पात्रता की आवश्यकता होती है और पात्रता वृंदावन का कोई रस सिद्ध रसिक संत ही प्रदान कर सकता है…………..फोटो: 05 जाम 14,15