मिहिजाम में फरजी बैंक का भंडाफोड़
मिहिजाम : मिहिजाम में एक फरजी बैंक का भंडाफोड़ हुआ है. इसके तीन कर्मी को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही कई दस्तावेज भी पुलिस ने जब्त किये हैं. बताया जाता है कि सेंट्रल बैंक के नाम से फरजी तरीके से बैंक चला कर लोगों से वसूली की जाती थी. निवेशकों को चूना लगाकर गायब […]
मिहिजाम : मिहिजाम में एक फरजी बैंक का भंडाफोड़ हुआ है. इसके तीन कर्मी को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही कई दस्तावेज भी पुलिस ने जब्त किये हैं. बताया जाता है कि सेंट्रल बैंक के नाम से फरजी तरीके से बैंक चला कर लोगों से वसूली की जाती थी.
निवेशकों को चूना लगाकर गायब होने की घटनाओं से सजग लोगों ने रात के अंधेरे का लाभ उठाकर कार्यालय के कई दस्तावेज, फर्नीचर व एयरकंडीशन लेकर भाग रहे दो कर्मचारी को एक सफेद रंग के बोलेरो के साथ पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया.
गुरुवार की रात की है घटना : घटना गुरुवार की रात करीब 11 बजे स्टेशन रोड स्थित नन बैंकिग कंपनी सेंट्रल बैंक स्टाफ बचत एवं साख स्वावलंबी को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड की है.
पकड़ा गया युवक आजाद कुमार राम खुद को उक्त कंपनी का क्लर्क बता रहा था. कालीतल्ला निवासी आजाद कुमार राम को लोगों ने बिहार के बिहारशरीफ का एक सफेद रंग की बोलेरो संख्या बीआर 21पी/0144 पर सामान ले जाते देखा. लोगों को शक हुआ कि कंपनी रातों-रात भाग रही है. इस पर लोगों ने वाहन एवं युवक को घेर लिया और पुलिस को सूचना दी. काफी देर तक वहां मजमा लगा रहा.
टाइगर मोबाइल के जवानों के साथ थाना प्रभारी मंगल प्रसाद कुजूर ने मौके पर पहुंच कर स्थिति संभालते हुए वाहन और उक्त कर्मियों को थाने ले गये. जिसके बाद काफी संख्या में लोग भी थाने पहुंचे. रात भर थाने में भी मजमा लगा रहा. सुबह होते ही काफी संख्या में उक्त बैंक के खाताधारक थाने पर जमा हो गये.
चार-पांच से लोग जमा कर रहे थे पैसे
लोगों का आरोप था कि उक्त कंपनी में विगत 4-5 वर्षों से रुपये जमा कर रहे हैं, लेकिन कंपनी पैसे वापस नहीं कर रही है. जामताड़ा, मिहिजाम, नारायणपुर, मधुपुर, करमाटांड़ आदि जगह के लोगों के करीब करोड़ों रुपये उक्त कंपनी के पास जमा है. लोगों ने बताया कि रुपये एजेंट के माध्यम से डेली कलेक्शन से लिया जाता था.
थाना प्रभारी मंगल प्रसाद कुजूर ने बताया कि काफी संख्या में लोगों की शिकायत मिली है, जिसके आधार पर एफआइआर दर्ज किया जा रहा है. ये आर्थिक अपराध का मामला है. मामले में फिलहाल आजाद कुमार राम व मनोहर ठाकुर को गिरफ्तार किया जा रहा है. सभी दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं.
पूछताछ में आजाद और मनोहर ने पुलिस को बताया है कि उक्त कंपनी के सर्वेसर्वा सेंट्रल बैंक के कर्मी नलीन विलोचन उर्फ अरुण कुमार सिंह है जो फिलहाल अरूणाचल प्रदेश में सेंट्रल बैंक में ही प्रबंधक के पद पर कार्यरत है. पूर्व में कई वर्षों तक नलीन विलोचन मिहिजाम सेंट्रल बैंक का कर्मचारी रह चुका है. इसी दौरान उसने उक्त कंपनी का संचालन शुरू किया था. उक्त कंपनी पर कई वर्षों से स्थानीय लोग रुपये गबन करने का आरोप लगाते रहे हैं.
जामताड़ा एसपी मनोज कुमार ने बताया कि मामले में मुख्य आरोपी नलीन विलोचन उर्फ अरुण कुमार सिंह पर भी एफआइआर दर्ज किया जा रहा है. उक्त कंपनी के अकाउंट और कार्यालय फ्रीज किये जा रहे हैं. आगे जांच के बाद और आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.
घटना पर उठे कई सवाल
कंपनी ने सेंट्रल बैंक का नाम कैसे इस्तेमाल किया. एक नीजी कंपनी पर सेंट्रल बैंक का नाम जुड़ा होने पर उपजे विश्वास से लोगों ने पैसे लगाए. सेंट्रल बैंक ने ऑबजेक्शन क्यों नहीं किया. क्या ये आरबीआइ के मापदंड को पूरा कर रही थी या आरबीआइ से परमिशन लिया गया था. पैसे ग्राहकों को वापस नहीं करने के पीछे क्या मकसद था. क्या पैसे गबन कर लिए गए या क्या कारण थे. इसकी जांच क्यों नहीं हुई.
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी 26 फरवरी 2015 को उक्त कंपनी के खिलाफ शिकायत की जांच को सहयोग समितियां संताल परगना प्रमंडल दुमका से एक टीम भी पहुंची थी. टीम ने बताया था कि भारी मात्रा में आम लोगों के रुपये की लेन-देन में किये गये हेरा-फेरी के खिलाफ शिकायत मिली है. समितियां संथाल परगना प्रमंडल दुमका के संयुक्त निबंधक सुनिल कुमार अपनी टीम के साथ जांच को पहुंचे थे. लेकिन उक्त सोसायटी का कार्यालय बंद पाया गया था.
कार्यालय के मुख्य दरवाजे पर जांच टीम ने एक नोटिस चिपका पाया था. नोटिस पर लिखा था कि सचिव के बाहर रहने के कारण 26 फरवरी को कार्यालय बंद रहेगा अगले दिन 27 फरवरी को कार्यालय खुलेगा. ये नोटिस 26 फरवरी को ही जारी किया गया था. जांच अधिकारी सुनिल कुमार ने बताया था कि शिकायत मिली थी कि यहां नलिन विलोचन उर्फ अरूण कुमार सिंह नामक व्यक्ति द्वारा एक निजी बैंक चलाया जा रहा है जिसमें मनमाने तरिके से लोगों से उगाही की जा रही है. उक्त बैंक का एक शाखा जामताड़ा में भी है.
शिकायत में इस बात का भी उल्लेख है कि सभी नियमों को ताक पर रख कर यह संस्था चलायी जा रही है. शिकायत मिलने के बाद जांच से संबंधित नोटिस इस बैंक को भी भेजा गया था. इसके बाद भी बैंक कार्यालय बंद पाया जाना संदेह को और मजबूत करता है.