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मिलोनी से मिलने को बेचैन हैं परिजन!
नारायणपुर : पाकिस्तान से मिलोनी किस्कू उर्फ गीता के पिता द्वारा नारायणपुर थाना में पुत्री होने का दावा करने के साथ ही बड़ाबेवा गांव समेत पूरे जिले में चर्चा आम हो गयी है. प्रशासन महकमा से लेकर नेतागण भी इस विषय का गंभीरता से ले रहे हैं. प्रभात खबर की टीम ने जब दोबारा गांव […]
नारायणपुर : पाकिस्तान से मिलोनी किस्कू उर्फ गीता के पिता द्वारा नारायणपुर थाना में पुत्री होने का दावा करने के साथ ही बड़ाबेवा गांव समेत पूरे जिले में चर्चा आम हो गयी है. प्रशासन महकमा से लेकर नेतागण भी इस विषय का गंभीरता से ले रहे हैं. प्रभात खबर की टीम ने जब दोबारा गांव के जानेमाने लोगों से बातचीत की तो कई अहम बात छन कर सामने आयी है.
लोगों की मानें तो 12 वर्ष बाद खोका किस्कू के पिता को उनकी खोयी हुई पुत्री मिलने वाली है. गांव के लोग अपनी भोली-भाली मिलोनी को आसानी से आज भी पहचान सकते हैं. यह भी गांव वाले दावा कर रहे हैं. साथ ही पिता खोका किस्कू एवं माता लोगोनी सोरेन की आंखें जिला प्रशासन की ओर टकटकी निगाह से देख रही है कि प्रशासन कब उनकी पुत्री से उन्हें मिला दें. उन्हें उम्मीद है की शीघ्र ही उनकी पुत्री पूरे परिवार के साथ होगी.
तसवीर देखकर परिजनों ने पहचाना
पाकिस्तान से 15 साल बाद भारत लौटी गीता नारायणपुर थाना क्षेत्र के बड़ाबेवा गांव की रहने वाली है. बुधवार बड़ाबेवा गांव के सोखा किस्कू ने नारायणपुर थाना में आवेदन देकर बताया है कि मूकबधिर गीता उनकी बेटी है. सोखा किस्कू ने बताया कि गीता का मूल नाम बिलोनी किस्कू है, वह 2003 में शाम के वक्त बड़ाबेवा गांव स्थित अपने घर से कहीं चली गयी थी तब उसकी उम्र 13 वर्ष थी, जो फिर लौटकर नहीं आयी. सोखा किस्कू की बड़ी बेटी चांदमुनी ने टीवी पर सामाचार में देखकर गीता को पहचाना तथा इसकी सूचना अपने पिता को दी. गीता उर्फ बिलोनी से मिलने की बेचैनी परिजनों में साफ देखी जा सकती है. सोखा ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
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