मत्स्य बीज उत्पादकों को दिया गया प्रशिक्षण
जामताड़ा : जिला मत्स्य कार्यालय में मत्स्य बीज उत्पादकों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. बीज उत्पादकों को मछली पालन के आवश्यक जानकारियां प्रशिक्षण में दी गयी. बताया कि मछलियां पानी के उपर तभी आती है, जब पानी में अम्लीय गुण आ जाता है और मछली को ऑक्सीजन नहीं मिलती है. पानी में अम्लीय और […]
जामताड़ा : जिला मत्स्य कार्यालय में मत्स्य बीज उत्पादकों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. बीज उत्पादकों को मछली पालन के आवश्यक जानकारियां प्रशिक्षण में दी गयी. बताया कि मछलियां पानी के उपर तभी आती है, जब पानी में अम्लीय गुण आ जाता है और मछली को ऑक्सीजन नहीं मिलती है.
पानी में अम्लीय और क्षारीय दोनों प्रकार के गुण पाये जाते हैं. इसलिए अम्लीय औार क्षारीय गुण को हटाने के लिए पानी में चुना डालना जरुरी होता है. चुना डालने से पानी में मौजूद अम्लीय और क्षारीय दोनों प्रकार के गुण समाप्त हो जाता है. साथ ही मछलियों का उत्पादन भी अधिक मात्रा में होती है.
प्रशिक्षक बेरिस्टार राम ने कहा कि झारखंड सरकार के मत्स्य निदेशक राजीव कुमार का निर्देश है कि जहां कहीं भी पानी मौजूद हो वहीं मछली का उत्पादन किया जाय. इसलिए सरकार ने नदी में मछली पालन योजना की शुरुआत की है. प्रशिक्षण के बाद जिला मत्स्य प्रसार पदाधिकारी बेरिस्टार राम ने मत्स्य उत्पादकों के बीच नेट का वितरण किया. आज के प्रशिक्षण में नाला और कुंडहित के मत्स्य बीज उत्पादकों ने हिस्सा लिया.