जामताड़ा के कई सरकारी भवन बेकार

जामताड़ा : जिले भर में दर्जनों ऐसे सरकारी भवनें हैं जो बनकर तैयार है, लेकिन उसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है. अब धीरे धीरे वो उपयोग करने लायक भी नहीं रह जायेगी. इन भवनों को जिस उद्देश्य के साथ बनाया गया. वो आज तक पूरा नहीं हो रहा है. इन भवनों में सरकार की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2016 7:43 AM
जामताड़ा : जिले भर में दर्जनों ऐसे सरकारी भवनें हैं जो बनकर तैयार है, लेकिन उसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है. अब धीरे धीरे वो उपयोग करने लायक भी नहीं रह जायेगी. इन भवनों को जिस उद्देश्य के साथ बनाया गया.
वो आज तक पूरा नहीं हो रहा है. इन भवनों में सरकार की करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया गया, लेकिन बेकार साबित हो रहा है. कहीं मत्स्य कृषक प्रशिक्षण भवन, लघु एवं कुटीर का प्रशिक्षण के लिए बनाया गया भवन तो कहीं अस्पताल भवन, पुस्तकालय भवन, किसान भवन, जीएनएम प्रशिक्षण भवन सहित दर्जनों विभिन्न विभागों का भवन यूं ही बेकार पड़ी हुई है.
कुंडहित प्रखंड में तीस बेड का रेफरल अस्पताल का भवन देखने से ही लगता है कि कोई एक शानदार अस्पताल बनाया गया है. रेफरल अस्पताल के भवन में कभी-कभी सहिया का प्रशिक्षण चलता है. यदि यह अस्पताल चालू होता तो कुंडहित क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए बाहर का दौड़ भाग नहीं करना पड़ता. वहीं कुंडहित हटिया परिसर में बाजार समिति का एक विशालकाय भवन कई वर्षों से बेकार पड़ी हुई है.
कुंडहित के भागाबंध में मत्स्य विभाग से करोड़ों खर्च कर मत्स्य किसान प्रशिक्षण भवन बनाकर छोड़ दिया गया है. इसमें आजतक उदघाटन तक नहीं हुआ और जेट पंप की चोरी हो गयी है. वहीं जामताड़ा में महिला आइटीआइ का भवन भी यूं ही बेकार पड़ी हुई है. सिर्फ चुनाव के समय में वोटों की गिनती होती है. दुलाडीह में जीएनएम का प्रशिक्षण का भवन भी बनाकर छोड़ दिया गया है. आजतक जीएनएम का प्रशिक्षण शुरु नहीं हो पाया. जामताड़ा प्रखंड परिसर में बना पुस्तकालय भवन भी बेकार पड़ी है.
तो बच सकता था करोड़ों
यदि प्रशासन इन भवनों के उपर ध्यान देती है तो करोड़ों की संपत्ति नष्ट होने से बच सकती है. भवनों को विभिन्न कार्यक्रमों के लिए व्यवहार में लाया जा सकता है.
जिस उद्देश्य से भवन बनाया गया था उसके भी काम ना आये ये बेकार भवन : नारायणपुर प्रखंड परिसर में किसान भवन, डाकबंगला मैदान में पंडित दीन दयाल उपाध्याय पुस्तकालय भवन, पोखरिया में फेडेरेशन भवन भी बेकार साबित हो रहा है. डाकबंगला मैदान में पंडित दीन दयाल उपाध्याय पुस्तकालय भवन बाबुलाल मरांडी के एमपी फंड से बनाया गया था तो पोखरिया गांव में लघु एवं कुटीर उद्योग प्रशिक्षण के लिए जामताड़ा विधायक फुरकान अंसारी के निधि से फेडेरेशन भवन बनया गया था.

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