नाला में अवैध कोयला खनन खतरे की घंटी

नाला : नाला कास्ता व पलास्थली में अवैध कोयला खनन बदस्तूर जारी रहा. लेकिन कभी शासन व जनप्रतिनिधियों ने ध्यान नहीं दिया. समय समय पर एक आध अवैध खदानों के मुहाने को बंद कर सिर्फ खानापूर्ति की गयी. अब स्थिति यह हो गयी है कि नाला के कास्ता व पलास्थली के इलाके की जमीन नीचे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 15, 2017 7:32 AM
नाला : नाला कास्ता व पलास्थली में अवैध कोयला खनन बदस्तूर जारी रहा. लेकिन कभी शासन व जनप्रतिनिधियों ने ध्यान नहीं दिया. समय समय पर एक आध अवैध खदानों के मुहाने को बंद कर सिर्फ खानापूर्ति की गयी. अब स्थिति यह हो गयी है कि नाला के कास्ता व पलास्थली के इलाके की जमीन नीचे से खोखली हो गयी है. यह बड़े खतरे की घंटी है. कई जगहों पर जमीन फट गयी है.
अब प्रशासन के हाथ पांव फुलने लगे हैं. इतने बड़े खतरे की घंटी बजने के बावजूद भी प्रशासन ने कोई बड़ा कदम नहीं उठाया. एक आध जवानों को वहां दिन में गश्ती के लिए रख दिया है. अब कोई उपाय भी नहीं है. जमीन कहां तक खोखली है इसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है. लेकिन इस इलाके में बड़े पैमाने पर अब तक हो रहे कोयला के अवैध खनन ने शासन की व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. प्रशासन की सुस्ती का भरपूर फायदा कोयला माफियाओं ने उठाया.
हर दिन सैकड़ों टन कोयला यहां से निकाल कर दूसरे राज्यों को भेजा जारहा था. लेकिन किसी के कानों तक जूं नहीं रेंगती थी. आसपास के थानों को भी पता रहता था कि यहां कोयला खनन हो रहा है. एक दो कार्रवाई के बाद यह बोल कर संतोष कर लेते थे कि अब यहां कोयले का खनन बंद हो गया है. लेकिन शातिर माफिया झपकी तक नहीं लेते. प्रशासन हटते ही कोयला का खनन शुरू कर देते थे.
सफेदपोश सीधे जुड़े थे माफियाओं से
जामताड़ा इलाके के कई सफेदपोश नाला में अवैध खनन कर रहे कोयला माफियाओं से सीधे तौर पर जुड़े रहते थे. शायद यही कारण था कि कभी माफियाओं को नहीं पकड़ा जा सका.
वर्षों से नाला के इलाके में खनन हो रहा था और यहां का काेयला बंगाल व बिहार भेजा जा रहा था. इसकी पूरी जानकारी नाला व बागडेहरी थाने को थी. लेकिन कभी कार्रवाई नहीं की गयी. कभी कभी कोयला पकड़ कर इसकी खानापूर्ती की गयी. नाला थाना के इलाके से हर दिन दर्जनों बाइक पर कोयला लाद कर लोग ले जाते थे, कई ट्रकों से कोयला ढुलाई होता था. लेकिन पकड़े जाते थे एक आध वो भी कभी कभी.

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