मिहिजाम. चिरेका को बचाने के लिए जरूरत पड़ने पर आंदोलन कर उत्पादन को बंद कराया जाए. ऐसा आंदोलन विकसित किया जाना चाहिए, जिससे कोई ठंडे कमरे में बैठकर मजदूर विरोधी निर्णय नहीं ले सके. उक्त बातें राज्यसभा सांसद सह सीटू के अखिल भारतीय महासचिव तपन सेन ने चित्तरंजन में आयोजित सभा में कही. उन्होंने चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना का दौरा करने के बाद कहा कि बाहरी कंपनियों के श्रमिकों को चितरंजन फैक्ट्री के शॉप फ्लोर का उपयोग करने नहीं दिया जायेगा. चिरेका को कमजोर करने की योजना के लिए एक मजबूत आंदोलन का आह्वान किया. चिरेका के विभिन्न विभागों का दौरा किया. इसके पश्चात उन्होंने ट्रेक्शन मोटर गेट पर श्रमिकों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि एक तरफ धीरे-धीरे श्रमिकों की संख्या कम होते जा रही है. वहीं दूसरी तरफ उत्पादन लक्ष्य बढ़ रहा है. रेलवे इंजन बनाने में 20-25 साल पुरानी मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है. परिणाम स्वरूप दुर्घटनाएं बढ़ रही है. उनका कहना था कि सरकार का एकमात्र उद्देश्य फैक्ट्री को बेचना है. फैक्ट्री में बाहरी कंपनियों के घटिया पार्ट्स मंगवाये जा रहे हैं, जिससे फैक्ट्री में काम का माहौल खराब हो रहा है. उन्होंने मजदूर संघ की ओर से चिरेका को बचाने की हर संभव बात कही. कहा कुछ अवसरवादी संगठन भी हैं. उन्हें भी जागरूक कर आंदोलन में शामिल किया जाना चाहिए. मौके पर लेबर यूनियन के महासचिव राजीव गुप्ता, चिन्मय गुहा सहित सीटू समर्थक मौजूद थे.
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