तिलाकी गांव में पंडाल बनकर तैयार, प्रतिमा को अंतिम रूप देने में जुटे कारीगर
फतेहपुर प्रखंड के खमारबाद पंचायत अंतर्गत तिलाकी गांव में दुर्गा पूजा मंदिर अति प्राचीन है. यहां पंडाल बनकर लगभग तैयार हो गया है.
नाला. फतेहपुर प्रखंड के खमारबाद पंचायत अंतर्गत तिलाकी गांव में दुर्गा पूजा मंदिर अति प्राचीन है. यहां पंडाल बनकर लगभग तैयार हो गया है. क्षेत्रवासियों के लिए आस्था के केंद्र रूप में मंदिर विराजमान है. इस मंदिर का इतिहास काफी रोचक है. इस दुर्गा मंदिर की स्थापना के बारे में ब्रजकिशोर महतो, अजित कुमार महतो, जगदानंद महतो, सुबल चंद्र महतो आदि ने बताया कि लगभग 500 पूर्व हमारे पूर्वज ठाकुर दास की मनोकामना पूर्ण होने पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर भक्ति भाव से पूजा अर्चना की थी. उसी समय से विधि विधान से पूर्वक पूजा अर्चना प्रारंभ हुई थी. वह आज भी जारी है. कहा कि यह पूजा परिवार के लोगों द्वारा मनाया जाता है. समय बदलने के साथ-साथ इस पूजा में तिलाकी के अलावा खमारबाद, कालुपहाड़ी, मुड़ाबहाल, निलकंठपुर, सालपातड़ा, बलियापुर आदि गांवों के लोग शामिल होकर भक्ति भाव से पूजा करते हैं. मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु इस मंदिर में भक्तिभाव से पूजा करते हैं एवं मन्नत मांगते हैं. उन्हें माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस मंदिर में भव्य दुर्गा माता की प्रतिमा को अंतिम रूप देने के लिए कारीगर जुटे हुए हैं. यहां की प्रतिमा क्षेत्र के लिए प्रसिद्ध होता है. ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में दुर्गा पूजा लेकर लोगों में खास उत्साह है. कहा कि महाषष्ठी के दिन से ही पूजा अर्चना प्रारंभ होती है. कारीगर मां दुर्गा के साथ साथ अन्य देवी-देवताओं की सजावट लगभग पूरा कर चुके हैं. श्रद्धालु अब पट खुलने के इंतजार में है. दशहरा पर मंदिर प्रांगण में भजन कीर्तन एवं मेला का भी आयोजन किया जाता है.
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