रमजान में एक नेकी के बदले 70 नेकी का सवाब देता है खुदा : इमाम
रमजान पर मस्जिद में कुरान-ए-पाक तरावीह की नमाज पूरी, ईद को लेकर शहर के बाजारों में रौनक
जामताड़ा. शहर के पाकडीह, सरखेलडीह व सुभाष चौक जामा मस्जिद में तरावीह की नमाज संपन्न हो गयी. दोनों मस्जिदों में हाफिज ने तरावीह की नमाज अदा कराई. मस्जिद में तरावीह की नमाज रमजान-उल-मुबारक की पहली तारीख से ही पढ़ी जा रही थी. इस दौरान रोजेदारों ने तरावीह की नमाज अदा करने सुनने का सवाब पाया. पाकडीह व सरखेलडीह जामा मस्जिद में तरावीह की नमाज हाफिज मनोवर ने पढ़ाई. जिसके समापन के बाद देश दुनिया में अमन-चैन के लिए सामूहिक रूप से दुआ मांगी गयी. उसके बाद लोगों ने हाफिज मनोवर को नजराना देकर सम्मानित किया. इस दौरान जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अख्तर रजा ने कहा कि रमजान के चांद नजर आने के बाद ही शुरू होने वाली इस विशेष नमाज तरावीह की काफी अहमियत है. अपने रब को राजी करने के लिए ईशा की नमाज के बाद तरावीह की नमाज लोग घंटों खड़े होकर पड़ते हैं. साथ ही कुरआन भी सुनते हैं. उन्होंने बताया कि तमाम महीनों में रमजान का महीना सबसे अफजल है. अल्लाह इस महीने में अपने बंदों के लिए अज्र बढ़ा देता है. एक नेक काम करने पर 70 नेकियों का सवाब अल्लाह तआला अपने बंदों को नवाजता है. बरकतों व रहमतों से भरे माह-ए-रमजान में अल्लाह तआला ने खास तौर से गरीबों का ख्याल रखने का हुक्म दिया है. बताया कि रमजान माह में नमाज-ए-तरावीह के दौरान पूरी कुरान पढ़ी जाने के बाद सुरह-ए-तरावीह पढ़ी जाती है. यह सिलसिला ईद का चांद नजर आने तक जारी रहता है. मौके पर मौलाना सद्दाम अंसारी, अब्दुल मोबिन अंसारी, मुख्तार अंसारी, आरिफ हुसैन, गुलाबुद्दीन अंसारी, मुस्ताक अंसारी, शोएब, इलियास अंसारी, फारूक अंसारी, मुर्तजा अंसारी, इरफान अंसारी, शमशेर आलम सहित अन्य मौजूद थे.