मिहिजाम. चित्तरंजन रेल कारखाना प्रशासन ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी के अवकाश को रद्द कर दिया है. आगामी वर्ष 2025 से यह मान्य होगा. प्रशासन के इस निर्णय पर रेलवे मेंस कांग्रेस ने कड़ा एतराज जताया है. चिरेका रेलवे मेंस कांग्रेस ने 23 जनवरी के अवकाश को पुनः स्थापित करने की मांग को लेकर चिरेका के मुख्य कार्मिक पदाधिकारी को एक पत्र दिया है. इंटक महासचिव इंद्रजीत सिंह ने कहा चिरेका की ओर से जारी अवकाश सूची से इसे हटा दिया गया है. कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे. उनकी जयंती हर साल 23 जनवरी को मनायी जाती है. चिरेका प्रशासन द्वारा वर्ष-2025 के लिए जारी अवकाश की सूची में नेताजी के जन्मदिन को शामिल नहीं करना बड़ा अपमान है. यह निर्णय चिरेका कर्मचारियों के बीच असंतोष का कारण बन गया है. रेल प्रशासन का यह निर्णय बंगाली पहचान पर एक सीधा हमला है. नेताजी के स्वतंत्रता संग्राम के योगदान को मिटाने का प्रयास है. उन्होंने कहा वर्ष 2020 में भी नेताजी व चित्तरंजन दास की जयंती अवकाश रद्द करने को लेकर नोटिस जारी किया गया था. उस दरम्यान प्रशासन ने आश्वस्त किया था कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा. चिरेका प्रशासन ने एक तरफा निर्णय किया है. प्रशासन ने इस निर्णय में ट्रेड यूनियन चुनाव जीते. श्रमिक संगठनों से परामर्श लेना भी उचित नहीं समझा है. इंटक महासचिव ने कहा कि चिरेका महाप्रबंधक से अनुरोध है कि 23 जनवरी के अवकाश को रविवारीय अवकाश में समायोजित किया जाय. यदि चिरेका प्रशासन श्रमिकों के भावनाओं का सम्मान नहीं करता है तो 22 जनवरी को काला बैज लगाकर सम्मान यात्रा के नाम से विरोध मार्च का आयोजन होगा. 23 जनवरी को नेताजी के जन्मदिन पर महाप्रबंधक कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया जायेगा.
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