राजकोट में 9वें इंडिया इंडस्ट्रियल फेयर 2025 का चल रहा आयोजन
प्रतिनिधि, मिहिजामभारतीय रेलवे की प्रमुख लोकोमोटिव निर्माण इकाई, चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना (सीएलडब्ल्यू) , 2 से 5 फरवरी 2025 तक राजकोट, गुजरात में आयोजित 9वें भारत औद्योगिक मेले में भाग ले रहा है. इस मेले में सीएलडब्ल्यू अपने आधुनिक और उन्नत तकनीक से बने इंजनों का प्रदर्शन कर रहा है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. 2 फरवरी को भारत सरकार की राज्य मंत्री, निमुबेन जयंतीभाई बांभणिया ने सीएलडब्ल्यू के स्टॉल का दौरा किया. इस दौरान मुख्य विद्युत अभियंता (डिज़ाइन), हरीश मित्तल ने उन्हें प्रदर्शित इंजनों और तकनीकों के बारे में जानकारी दी. लघु उद्योग भारती (एलयूबी) के अखिल भारतीय आयोजन सचिव, प्रकाश चंद ने भी इस प्रदर्शनी में सीएलडब्ल्यू के स्टॉल का निरीक्षण किया और लोकोमोटिव निर्माण में इसकी उन्नति की सराहना की. 3 फरवरी को राजकोट रेल मंडल के डीआरएम, अश्विनी कुमार ने भी सीएलडब्ल्यू के स्टॉल का दौरा किया और वहां प्रदर्शित मॉडल की सराहना की. इस मेले में सीएलडब्ल्यू ने अपनी 75 वर्षों की सफल यात्रा को दर्शाते हुए मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत निर्मित इंजनों का प्रदर्शन किया है. यह प्रदर्शनी उद्योग के विशेषज्ञों, व्यापारियों और आगंतुकों के लिए सीएलडब्ल्यू की तकनीकी प्रगति और भविष्य की योजनाओं को समझने का एक अच्छा अवसर है.
छाये रहे ये इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव
सीएलडब्ल्यू इस मेले में डब्ल्यूएपी-5, पुश-पुल एयरोडायनामिक और डब्ल्यूएजी-9 एचसी टीडब्ल्यूआईएन इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव को प्रमुख रूप से प्रदर्शित कर रहा है. इसके अलावा, इंटरएक्टिव डिजिटल डिस्प्ले और इंफोग्राफिक्स के माध्यम से अपनी निर्माण क्षमताओं को भी दिखाया जा रहा है. इस प्रदर्शनी में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) और अन्य उद्योगों के प्रतिनिधियों से चर्चा हुई, जिससे रेलवे में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने पर विचार किया गया. इस अवसर पर मुख्य विद्युत अभियंता (डिज़ाइन) उत्तम कुमार माईति, उप महाप्रबंधक सुप्रित कोनार, आशीष कुमार, सुनील कुमार, सुमन दत्ता, जितेंद्र सिंह और अन्य टीम सदस्यों ने आगंतुकों को सीएलडब्ल्यू के उत्पादों और तकनीकी नवाचारों के बारे में जानकारी दी. 5 फरवरी तक चलने वाले इस मेले में सीएलडब्ल्यू की भागीदारी का मुख्य उद्देश्य अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करना और नए व्यावसायिक अवसरों को तलाशना है.
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