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रसोइया-संयोजिकाओं को देना होगा 26 हजार रुपये मानदेय : अध्यक्ष

जिले की रसोइया-संयोजिकाओं ने समाहरणालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया.

जामताड़ा. झारखंड राज्य रसोFया-संयोजिका संघ के बैनर तले जिले की रसोइया-संयोजिकाओं ने समाहरणालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया. इस अवसर पर श्रीरामपुर से समाहरणालय तक जुलूस निकाला. संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा रानी चटर्जी ने कहा कि आज सरकार की महत्वपूर्ण योजना एमडीएम रसोइया- संयोजिकाओं की कड़ी मेहनत से सफल हो रही है. लेकिन दुख की बात है कि यह सबसे शोषित वर्ग में गिनी जातीं हैं. झारखंड सरकार एक तरफ 18 से 50 वर्ष के बिना कामकाजी महिलाओं को मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत प्रतिमाह ढाई हजार रुपये दे रही है. वहीं रसोइया-संयोजिकाओं दिन में पांच-पांच घंटा तक विद्यालय में काम कर रही है, जिसे मात्र महीना में दो ही हजार रुपये मिल रहा है. संयोजिकाओं के लिए मानदेय का भी प्रावधान नहीं है. जुलूस में शामिल रसोईया-संयोजिकाओं ने अपनी मांगों के समर्थन में आवाज को बुलंद करते हुए कहा कि न्यूनतम मानदेय 26000 रुपये देना होगा, 50 छात्र के अनुपात में एक रसोइया का चयन करना होगा, रसोइयों को नियमित मानदेय का भुगतान करना होगा, संयोजिकाओं के लिए भी मानदेय का प्रावधान रखना होगा, बीमा के लिए सरकार को व्यवस्था करनी होगी, उन्हें सालाना दो सेट पोशाक देना होगा. धरना के बाद लखन लाल मंडल, चंडी दास पुरी, मोहन मंडल के नेतृत्व में पांच सदस्यीय शिष्टमंडल उपायुक्त के माध्यम से केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान व राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ज्ञापन सौंपा. मौके पर मकीना बीवी, नूरजहां बीवी आदि मौजूद थीं.

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