चित्तरंजन में पेड़ों की कटाई से पर्यावरण को खतरा
चित्तरंजन रेलनगरी के सबसे आकर्षक पर्यटक स्थल हिलटाॅप के पास पेड़ों की कटाई की जा रही है.
मिहिजाम. चित्तरंजन रेलनगरी के सबसे आकर्षक पर्यटक स्थल हिलटाॅप के पास पेड़ों की कटाई की जा रही है. बड़ी संख्या में पेड़ों की टहनियों व बड़े डालियों को काटा गया है. मार्ग से गुजरने वाले लोगों ने जब इस मंजर को देखा तो कहा कि इससे हिलटाॅप का सौंदर्य नष्ट हो जायेगा. हिलटाॅप की ऊंचाई पर जाने से रेलनगरी के चारों तरफ के दृष्यों को देखा जा सकता है. अक्सर लोग यहां स्वास्थ्य लाभ व सौंदर्य दृष्य के लिए पहुंचते हैं. पेड़ों की कटाई छटाई से हिलटॉप के चारों किनारे पर लगे बेबी गोल्ड स्मिथ सहित विभिन्न पेड़ों की रौनक गायब हो गयी है. पेड़ों की कटाई से हिलटॉप रमणीक स्थल से विरान पहाड़ी में बदल जायेगा. कई पेड़ों को जड़ से काटा गया है. कई पेड़ों की बीच से छंटनी की गयी है, ताकि व भविष्य में जीवित न रहे. इस मुद्दे पर लोगों का कहना है कि पर्यावरण मित्र चित्तरंजन रेलनगरी को स्वच्छता के लिए गोल्ड पीकाॅक अवार्ड मिला है. नगर में कई जलाश्यों हजारों पेड़ों की श्रृंखला की मौजूदगी पर नगरवासी गर्व करते हैं. अधिक संख्या में पेड़ों की कटाई हो जाने पर इसका दुष्प्रभाव पर्यावरण पर पड़ेगा. इसके जलाशयों व वनों में विभिन्न पक्षी व जानवर निवास करते हैं. पेड़ों को काटने के लिए वन विभाग की अनुमति आवश्यक है. – क्या कहते हैं अधिकारी चिरेका के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी ने कहा कि हिलटाॅप रेलनगरी के लिए व्यु-प्वाइंट है. यहां से रेलनगरी का नजारा देखा जा सकता है. हिलटाॅप पर पेड़ों की डालियां बढ़ जाने से इसकी टहनियों की छटाई की जा रही है. कुछ पेड़ों की जड़ से कटाई की जानकारी नहीं है. -उत्तम कुमार माईती, मुख्य जनसंपर्क अफसर, चिरेका
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है