संकीर्तन में भगवान श्रीकृष्ण की रास लाला का हुआ वर्णन
इंदुकुड़ी गांव में चौबीस प्रहर अखंड हरिनाम संकीर्तन का आयोजन
नाला. कुलडंगाल पंचायत अंतर्गत इंदुकुड़ी गांव में आयोजित चौबीस प्रहर अखंड हरिनाम संकीर्तन का समापन शुक्रवार को कुंजविलास व नर नारायण सेवा के साथ हुआ. अनुष्ठान के अंतिम दिन पश्चिम वर्धमान के प्रसिद्ध कीर्तन शिल्पी मानिक चंद्र भंडारी ने भगवान श्री कृष्ण और राधारानी के वृंदावन रास लीला का वर्णन किया. कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने जीव जगत को शिक्षा देने, सदमार्ग पर चलकर सांसारिक जीवन व्यतीत करने के साथ साथ त्रिताप ज्वाला से मुक्त करने के लिए ये लीलाएं की. गौरांग महाप्रभु एवं भगवान कृष्ण के द्वारा जीव जगत के लिए बताए गए मूल्यवान उपदेश, कलियुग में मानव मुक्ति का एकमात्र उपाय हरि नाम संकीर्तन है. महाप्रभु ने जाति धर्म से ऊपर उठकर संपूर्ण समाज को एक सूत्र में पिरोने के लिए प्रेम एवं भक्ति के माध्यम से बांधने का प्रयास किया. हमें उसका अनुसरण करना चाहिए. अनुष्ठान के अंत में खिचड़ी महाप्रसाद का वितरण किया गया. इसमें सैकड़ों महिला पुरुष भक्त शामिल हुए.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है