11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सदर अस्पताल स्थित डायलिसिस सेंटर के चिकित्सक पर फर्जीवाड़ा का आरोप, जांच कमेटी बनी

एक सामाजिक कार्यकर्ता ने जामताड़ा सदर अस्पताल स्थित डायलिसिस सेंटर में कार्यरत चिकित्सक पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है. इसको लेकर सिविल सर्जन से जांच कमेटी बना दी है.

जामताड़ा. जामताड़ा सदर अस्पताल स्थित डायलिसिस सेंटर में कार्यरत चिकित्सक पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप सामाजिक कार्यकर्ता प्रियनाथ पाठक ने लगाया है. इसको लेकर उन्होंने सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद के समक्ष लिखित शिकायत भी की है. इस संबंध में प्रियनाथ पाठक ने जामताड़ा सदर अस्पताल स्थित डायलिसिस सेंटर में कार्यरत चिकित्सक डॉ अभिरंजन रजक पर फर्जी तरीके से योगदान देने का आरोप लगाया है. कहा कि डॉ प्रियरंजन रजक का वेतन भी लगातार तीन वर्षों तक पीपीपी मोड में संचालित एस्कांग संजीवनी की ओर से दिया जाता रहा. उनका आरोप है कि जो चिकित्सक जामताड़ा सदर अस्पताल स्थित डायलिसिस सेंटर में कार्यरत थे, वे बिहार के मुंगेर जिला अंतर्गत तारापुर अनुमंडल अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर हैं. वहां मेडिकल ऑफिसर पर कार्यरत रहते हुए पीपीपी मोड में संचालित एस्कांग संजीवनी में भी नौकरी कर रहे हैं. जामताड़ा सदर अस्पताल के डायलिसिस सेंटर में पदस्थापित हैं और वेतन भी लगातार ले रहे हैं. लेकिन जामताड़ा डायलिसिस सेंटर में वे मेडिकल ऑफिसर अपनी ड्यूटी नहीं कर किसी अन्य फर्जी लोग से चिकित्सक बनाकर ड्यूटी कराया जा रहा था. जो वर्ष 2020 से 2024 तक कार्य किया. उनका आरोप है कि तारापुर अनुमंडल अस्पताल में कार्य कर रहे मेडिकल ऑफिसर ही जामताड़ा डायलिसिस सेंटर के लिए फर्जी तरीके से नौकरी ले ली और दूसरे लोगों से ड्यूटी करायी गयी. जबकि तारापुर में कार्यरत अभिरंजन रजक के एक ही बैंक खाता में बिहार सरकार का भी वेतन आ रहा था और झारखंड में एस्कांग संजीवनी से मिल रहे वेतन की राशि भी आ रही थी. उन्होंने आरोप लगाया है कि तारापुर अनुमंडल अस्पताल में कार्य कर रहे मेडिकल ऑफिसर व एस्कांग संजीवनी में लिए नौकरी के दस्तावेज में एक ही फोटो है. लेकिन उनके नाम पर दूसरा व्यक्ति डायलिसिस सेंटर में ड्यूटी कर रहा था. हालांकि मामले काे तूल पकड़ते देखकर डायलिसिस सेंटर में कार्यरत चिकित्सक डॉ अभिरंजन रजक ने दो माह पूर्व ही अपना इस्तीफा दे दिया है. वर्तमान में डायलिसिस सेंटर को कोई भी चिकित्सक कार्यरत नहीं है.

क्या कहते हैं सिविल सर्जन :

पीपीपी मोड में संचालित जामताड़ा डायलिसिस सेंटर में कार्यरत चिकित्सक डॉ अभिरंजन रजक के विरुद्ध शिकायत आयी थी, जिसके आलोक में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया. जांच टीम में एसीएमओ डॉ कालीदास मरांडी, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ आलोक विश्वकर्मा व जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ डीसी मुंशी को रखा गया है. जांच टीम को एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है ताकि मामले का खुलासा हो सके.

अभय भूषण प्रसाद, सीएस, जामताड़ाB

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें