चित्तरंजन में दुर्गोत्सव की धूम, प्रतिमा दर्शन को उमड़ रही भीड़
मां दुर्गा के सप्तम रूप कालरात्रि की पूजा मंदिरों व घरों में की गयी. मां दुर्गा का सप्तम स्वरूप कालरात्रि मंगल फल प्रदान करने वाली हैं.
फोटो – 10 नॉर्थ पूजा कमेटी की पंडाल, 11 सिमजोरी का पूजा पंडाल, 12 एरिया 6 का पूजा पंडाल, 13 एरिया 4 का पूजा पंडाल, 14 एरिया 5 का पूजा पंडाल, 15 गढाकॉलोनी का पूजा पंडाल प्रतिनिधि मिहिजाम – मां दुर्गा के सप्तम रूप कालरात्रि की पूजा मंदिरों व घरों में की गयी. मां दुर्गा का सप्तम स्वरूप कालरात्रि मंगल फल प्रदान करने वाली हैं. नगर व ग्रामीण इलाके में दुर्गोत्सव की धूम है. पूजा पंडालों में भक्तों की चहल पहल है. मिहिजाम व रेनगरी चित्तरंजन के विभिन्न पूजा पंडालों में देवी-देवताओं के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है. पूरा वातावरण वैदिक मंत्रोच्चार से गुंजायमान है. सप्तमी के अवसर पर पूजा पंडालों में पुष्पांजलि अर्पण के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गयी. रेलनगरी चित्तरंजन के नॉर्थ में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की तर्ज पर पंडाल का निर्माण किया गया है. रंगीन रोशनी में पंडाल की सुंदरता निखर उठा है. इसी के तरह एरिया नंबर पांच में प्रकृति प्रेम को प्रदर्शित किया गया है. पंडाल को ग्रामीण स्वरूप दिया गया है. फूस से निर्मित पंडाल में मां की प्रतिमा विराजमान हैं. एरिया नंबर-छह में अखबार के कतरन से पंडाल को सजाया गया है. पूजा कमेटी ने इको फ्रेंडली होने का संदेश दिया है. चित्तरंजन के एरिया नंबर चार का पूजा पंडाल विश्व कवि रवींद्रनाथ टैगोर को समर्पित है. पंडाल के बाहर कवि का स्टैच्यू बनाया गया है. चित्तरंजन गढाकॉलोनी का पूजा पंडाल विभिन्नता में एकता का संदेश श्रद्धालुओं को दे रहा है.
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