उज्ज्वला योजना के बाद भी ईंधन के लिए पेड़ों का कटान जारी
उज्ज्वला योजना के बाद भी ईंधन के लिए पेड़ों का कटान जारी
निकेश सिन्हा, नारायणपुर नारायणपुर प्रखंड के लोग लकड़ी से निकलने वाले विषैले धुंए से छुटकारा पाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. यह स्थिति प्रखंड के अंचल कार्यालय परिसर में प्रतिदिन देखने को मिलती है. दिनभर परिसर में महिलाओं का जमावड़ा रहता है, जो वहां के हरे और सूखे पेड़ों को काटकर ईंधन के लिए ले जाती हैं. यह प्रक्रिया बिना किसी रोक-टोक के शाम तक चलती रहती है. कीमती शीशम के पेड़ सूखकर गिर चुके हैं, लेकिन नीलामी न होने के कारण महिलाएं इन्हें ईंधन के लिए छोटे-छोटे टुकड़ों में काट रही हैं. सबसे हैरानी की बात यह है कि केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत राशन कार्डधारी परिवारों को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर दिये हैं, फिर भी लोग कार्यालय की संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. कुछ साल पहले प्रखंड कार्यालय हरे-भरे पेड़ों के लिए जाना जाता था, लेकिन अब यह वीरान दिखता है. लोग न केवल टहनियां बल्कि पत्ते भी तोड़कर ले जा रहे हैं, जिनका उपयोग पशुओं के चारे के रूप में हो रहा है. प्रखंड परिसर में मवेशियों का जमावड़ा आम हो गया है और सुरक्षा के अभाव में प्रखंड की संपत्ति बर्बाद हो रही है. अनुमान के अनुसार, लगभग 50,000 परिवारों को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन मिला है, इसके बावजूद ईंधन के लिए पेड़ों को काटना चिंताजनक है. यह गंभीर समस्या प्रशासनिक कार्रवाई की मांग करती है. कब इस पर रोक लगाई जाएगी, यह तो भविष्य ही बताएगा. फिलहाल, प्रखंड कार्यालय की यह स्थिति लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. ——————————————- सरकारी आवासों से कीमती लकड़ियों को काट ले जा रहे लोग कुल्हाड़ी से उजड़ता नारायणपुर प्रखंड कार्यालय का हरित परिसर
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