भगवान ने भी कर्म को मना है प्रधान, अच्छा कर्म करते रहिए : संजय शास्त्री

श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक संजय शास्त्री जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला का वर्णन किया. कहा भगवान ने भी कर्म को प्रधान माना है. इसलिए जीवों को अच्छा कर्म करते रहना चाहिए.

By Prabhat Khabar News Desk | June 11, 2024 9:02 PM

नारायणपुर. प्रखंड के सिकदारडीह गांव के गौ माता मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ सह श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक संजय शास्त्री जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला का वर्णन किया. कहा कि भगवान को माखन इसलिए अच्छा लगता है क्योंकि माखन भक्त का प्रतीक है. उन्होंने समुद्र में कालिया नाग का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि कालिया नाग बृज में समुद्र में रहता था. कोई समुद्र में जाता तो उससे वह मार देता था. भगवान ने कालिया नाग के अहंकार को चूर कर दिया. उन्होंने गोवर्धन लीला का वर्णन करते हुए बताया सात कोस लंबे चौड़े कालिकाल के देवता गोवर्धननाथ को सात वर्ष के कन्हैया ने सात दिन अपनी अंगुली पर रखा. भगवान ने इंद्र देव का अभिमान तोड़ा. इसलिए जीव को कभी अभिमान नहीं करना चाहिए और कर्म करना चाहिए. फल की इच्छा नहीं रखनी चाहिए, जैसा कर्म करोगे तो वैसा ही फल मिलेगा. इसलिए भगवान ने भी कर्म को प्रधान माना है. इसलिए जीव को अच्छा कर्म करते रहना चाहिए. यह जीव का धर्म है. फल देना मेरा काम है. वहीं नियमित रूप से यज्ञ में लोगों की भीड़ यज्ञ की परिक्रमा एवं पूजा पाठ को लेकर उमड़ रही है. अहले सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ यज्ञ की परिक्रमा करने के लिए उमड़ रही है. 21 कुंडों में मुख्य यजमान एवं पुरोहित आचार्य नारायण, आचार्य सुनील पांडे, आचार्य ऋषि पचोरी दिनभर वैदिक मंत्रोचार के साथ हवन करा रहे हैं. यज्ञ परिसर में मेले का भी आयोजन किया गया है. बच्चों के खेल तमाशा के लिए कई प्रकार के साधन लगे हुए हैं. मौके पर प्रदीप मंडल, किशोर मंडल, दुबराज मंडल, सोनू सिंह, राजेश मंडल, कार्तिक दत्ता, अभय पांडे, चंचल दुबे, शंभू मंडल, छोटेलाल महतो आदि थे.

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