नाला. उमस भरी गर्मी एवं तेज धूप से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लगभग एक पखवारे से बारिश नहीं होने के कारण खरीफ मौसम में प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए किसान एक बार फिर मायूस व चिंतित हैं. किसान रोहिणी नक्षत्र में बीज डाल नहीं पाए हैं, जिससे कृषि कार्य पिछड़ने की संभावना जताई जा रही है. किसान गंगाधर मंडल, आनंद मोहन माजी, शिवलाल मरांडी आदि ने बताया कि खेती के लिए रोहिणी नक्षत्र को उत्तम माना जाता है. मान्यता है कि रोहिणी नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है. यह उर्वरता एवं विकास के साथ जुड़ा हुआ है. इसलिए किसान खरीफ फसल की खेती के लिए रोहिणी नक्षत्र को शुभ मानते आए हैं. इसलिए रोहिणी नक्षत्र का 15 दिन का समय किसानों के लिए महत्वपूर्ण है. इस समय को किसान गंवाना नहीं चाहते हैं. समय पर बारिश नहीं होने के कारण किसान एक बार फिर चिंतित और मायूस हैं. बताया कि रोहिणी नक्षत्र को इसलिए उत्तम माना जाता है कि इस समय बीज डालने से पैदावार अधिक होती है. पौधों में कीड़ा मकोड़ा कम लगता है और समय पर फसल तैयार हो जाता है. खेतों में नमी कम रहने के बावजूद किसान समय पर बीज डालने के लिए छिटफुट तैयारी में जुटे हैं. बारिश की आस में किसान हाथ पर हाथ धरे आसमान की ओर देख रहे हैं.
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