कुंडहित. जलवायु परिवर्तन से खेती पर पड़ रहे कुप्रभाव के मद्देनजर मोटे अनाज की खेती किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प है. ज्वार, बाजरा, मड़ुवा, कोदो जैसे मोटे अनाज की खेती न सिर्फ आर्थिक दृष्टिकोण से बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी काफी लाभप्रद है. झारखंड सरकार की ओर से राज्य में मोटे अनाज की खेती से किसानों को जोड़ने के लिए प्रोत्साहन योजना शुरू की गयी है. इसके तहत मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 3000 रुपये का प्रोत्साहन मुहैया कराया जायेगा. उक्त बातें कुंडहित प्रखंड के तकनीकी प्रबंधक नरेश प्रसाद साह ने कही. बीटीएम गुरुवार को कुंडहित मुख्यालय स्थित एटिक सेंटर में किसान मित्रों के साथ बैठक कर रहे थे. उन्होंने किसान मित्रों को निर्देश देते हुए कहा कि वह अपने-अपने क्षेत्र के किसानों को जागरूक करें और मोटे अनाज की खेती से जोड़ने का प्रयास करें. प्रोत्साहन योजना के बारे में भी उन्हें बताये. कहा कि मोटे अनाज की बेहतर खेती करने वाले 10 किसानों को सरकार की ओर से राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जायेगा. बैठक में मिट्टी जांच अभियान पर चर्चा हुई. जांच के लिए मिट्टी का नमूना जिला भेजने का निर्देश किसान मित्रों को दिया गया. सभी किसान मित्रों को अपने-अपने क्षेत्र के केसीसी से वंचित किसानों से आवेदन प्राप्त कर कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया गया. मौके पर प्रखंड के कई किसान मित्र मौजूद थे.
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