Jamtara news: सरकारी भवनों की दुर्दशा, लाखों खर्च, पर उपयोग शून्य

सरकारी भवनों की दुर्दशा, लाखों खर्च, पर उपयोग शून्य

By Prabhat Khabar News Desk | November 28, 2024 8:05 PM

प्रतिनिधि, फतेहपुर

फतेहपुर प्रखंड क्षेत्र में वर्षों पूर्व लाखों की लागत से बनाए गए कई सरकारी भवन आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं. इन भवनों का उद्देश्य ग्रामीण जनता को स्थानीय स्तर पर सुविधाएं प्रदान करना था, परंतु प्रशासनिक उपेक्षा और रखरखाव के अभाव में ये उपयोग विहीन होकर बेकार पड़े हैं. यह न केवल सरकारी संसाधनों की बर्बादी का प्रतीक है, बल्कि जनता के भरोसे पर एक गहरा आघात भी है. यदि समय रहते इन भवनों का सही उपयोग सुनिश्चित किया जाए, तो ग्रामीण जनता को राहत मिल सकती है और सरकारी संसाधनों का सही लाभ उठाया जा सकता है.

अम्बाबांक-डुमरिया हल्का कर्मचारी आवास की स्थिति

गोविंदपुर-साहिबगंज स्टेट हाइवे के पास अंबाबांक गांव में स्थित तहसील कचहरी सह हल्का कर्मचारी आवास इसका एक उदाहरण है. लाखों रुपये की लागत से बने इस भवन का मुख्य उद्देश्य ग्राम कचहरी के माध्यम से राजस्व और भूमि विवादों का स्थानीय समाधान करना था. लेकिन निर्माण के बाद से ही इस भवन का कोई उपयोग नहीं हुआ. अब यह भवन झाड़ियों और गंदगी से घिर चुका है. न तो सफाई की व्यवस्था है और न ही प्रशासन की कोई पहल. इसके चलते ग्रामीणों को हर छोटी-बड़ी समस्या के लिए प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है.

चापुड़िया कर्मचारी भवन भी उपयोगविहीन

इसी प्रकार, चापुड़िया पंचायत के आसनमोड़ा टोला में स्थित राजस्व कर्मचारी भवन भी उपयोगहीन पड़ा है. वर्षों से यहां ताले लटक रहे हैं और रखरखाव के अभाव में यह भवन अब जर्जर हो रहा है. साथ में बना चापानल भी खराब है. बिजली पोल और तार तो पहुंचाए गए, लेकिन भवन के वीरान होने के कारण कनेक्शन तक नहीं लिया गया. संबंधित विभाग की लापरवाही से यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है.

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