देश बचाने की जिम्मेदारी क्या सिर्फ मुसलमानों पर है : मो नाजीर
लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के नेताओं का फार्मूला और कथन फेल होता नजर आ रहा है.
जामताड़ा. समाजसेवी हाफिज मो नाजीर हुसैन ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के नेताओं का फार्मूला और कथन फेल होता नजर आ रहा है. एक तरफ कांग्रेस सहित महागठबंधन में शामिल पार्टियां मुसलमानों को बीजेपी का डर दिखाती है तो दूसरी तरफ भाजपा छोड़कर आए नेताओं को टिकट देकर सम्मानित करती है. देश और संविधान बचाने की जिम्मेदारी क्या सिर्फ मुसलमानों के लिए है ? यह घिनौना खेल नव सेकुलरवाद की नई परिभाषा तो नहीं? एक तरफ 2%, 3% वालों को कांग्रेस पार्टी टिकट देती है, तो दूसरी तरफ 18%, 20% से लेकर 33% प्रतिशत मुस्लिम आबादी में मुसलमानों को टिकट से वंचित कर देती है. कहा झारखंड में 14 लोकसभा सीट में मुस्लिम आबादी 15 प्रतिशत प्रतिनिधित्व शून्य, महाराष्ट्र में 48 सीट मुस्लिम आबादी 12 प्रतिशत प्रतिनिधित्व शून्य, दिल्ली में 7 सीट मुस्लिम आबादी 12 प्रतिशत प्रतिनिधित्व शून्य, राजस्थान में 25 सीट 9 प्रतिशत मुस्लिम आबादी प्रतिनिधित्व शून्य, मध्य प्रदेश में 29 सीट 7 प्रतिशत मुस्लिम आबादी प्रतिनिधित्व शून्य है. इस आंकड़े से ऐसा लगता है कि महागठबंधन मुसलमानों को राजनीति में अघोषित अछूता समझती है. झारखंड में साहिबगंज, गोड्डा, पाकुड़ , गिरिडीह, जामताड़ा और देवघर ऐसे जिले हैं, जहां मुस्लिम आबादी 20% से भी अधिक हैं. राजमहल में मुस्लिम आबादी 33 प्रतिशत है जो रिजर्व सीट है. महागठबंधन की सहयोगी पार्टियां भी मुस्लिम मुद्दों और टिकट देने के मामले पर फेल साबित हो रही है. कहा आज कांग्रेस पार्टी में वैसे लोग प्रदेश संगठन और केंद्र संगठन में बैठे हुए हैं, जो बाहर से हाथ छाप कांग्रेसी और अंदर से फूल छाप कांग्रेसी हैं. उनकी आत्मा विचार नीति एवं मूल्य भाजपा के हाथों गिरवी है, तो क्या अब यह मान लिया जाए कि देश के मुसलमान अब सिर्फ सेकुलर पार्टी के बंधुवा मजदूर हैं या मुसलमानों में चुनाव लड़ने की क्षमता नहीं है? झारखंड के मुद्दे पर मुस्लिम आवाम की ओर से विरोध की शुरुआत हो ही गयी है. अब देखना है कि कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकार डैमेज कंट्रोल कैसे करते हैं.