जामताड़ा. सावित्री देवी डीएवी पब्लिक स्कूल, जामताड़ा में शनिवार को हिंदी दिवस मनाया गया. छात्रा दिव्या रंजन ने हिंदी की महत्ता पर सारगर्भित भाषण दिया. सुमन कुमार झा ने हास्य कविता से सबको आह्लादित किया. प्राचार्य डॉ विजय कुमार ने कहा कि मातृभूमि और मातृभाषा का सम्मान एवं उन्नयन का कार्य करना सभी देशवासियों का कर्तव्य है. बेशक वैधानिक तौर पर हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं बन सकी है. परंतु देशवासियों के दिलों में हिंदी ही राज करती है. ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ का मूल मंत्र हमारे वेदों और उपनिषदों में दर्ज है. मातृभाषा की उन्नति ही सभी उन्नति की जड़ है. भारतेंदु हरिश्चंद्र ने कहा है – निज भाषा की उन्नति अहै सब उन्नति को मूल…बिन निज भाषा उन्नति कै मिटे न हिय को शूल।।. वहीं भोला नाथ सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची के अनुच्छेद 343 में सन् 1949 को आज के दिन ही भारत की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी को अंगीकृत किया गया. अनुच्छेद 351 में संघ का यह कर्तव्य निर्धारित किया गया की हिंदी भाषा का प्रसार, विकास एवं भारतीय सामाजिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम हिंदी को बनाया जाए. मौके पर प्रदीप्तो दास, स्नेह प्रभात दुबे, संजीव सिंह, आनंद विश्वकर्मा, राजेश चंद्र प्रसाद, मधु कुमारी, इरशाद अहमद, करुणा सिन्हा, मुकेश कुमार, मनोज पोद्दार आदि मौजूद थे. आश्रम विद्यालय में निबंध प्रतियोगिता आयोजित जामताड़ा. हिंदी दिवस पर शनिवार को आश्रम आवासीय विद्यालय पर्वत विहार जामताड़ा में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रतियोगिता में सकीला सोरेन प्रथम, मेरी सोरेन द्वितीय व संध्या मूर्मू तृतीय स्थान पर रहीं. प्राचार्या मर्शीला मरांडी ने बताया कि हिंदी एक ऐसी भाषा है, जो हमें अपने देश के साथ जोड़ती है. मौके पर शिक्षक पवन कुमार, रुचि राजहंस, इंद्राणी पांडेय, सौरव कुमार झा, सावित्री हेंब्रम, नागेंद्र मिश्रा आदि थे.
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