फतेहपुर. प्रखंड के हरिराखा-बुटबाड़ी गांव के बीच स्थित शीला नदी पर पुल नहीं रहने से स्थानीय लोगों को आवाजाही करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वर्षा ऋतु शुरू होते ही लोगों को नदी आर-पार करने में काफी दिक्कत हो जाता है. इस गांव के सड़क होकर मंझलाडीह, लकड़ाकुंदा, बाबुडीह, जलांई, डुमरीया, सहरबेड़िया एवं हरिराखा होते हुए बुटबाड़ी, खैरबनी, हुचुकपाड़ा, भुरुनडीहा, पांचकठिया आदि स्थानों तक यातायात करते हैं. दर्जनों गांव के लोग इस रास्ते होकर ही प्रखंड मुख्यालय तक आना-जाना करते हैं. ग्रामीणों के अनुसार प्रतिदिन इस नदी के रास्ते होकर स्कूली बच्चे, किसान, मजदूर सहित आम जन आते जाते रहते हैं. पुल नहीं रहने के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. खासकर वर्षा के मौसम में स्कूली बच्चे सहित आमजन तो नदी में दस-पंद्रह फीट गहरा जलजमाव व नदी के उफान का नजारा देखकर ही किनारे पर रुक जाते हैं. इतना ही नहीं बरसात के मौसम में आसपास क्षेत्र के लोग चार माह तक नदी का रास्ता छोड़कर पगडंडी का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर हो जाते हैं. जिससे लोगों को आठ से 10 किलोमीटर की अधिक दूरी तय कर नदी के दूसरे छोर स्थित गांव सहित प्रखंड मुख्यालय तक जाना पड़ता है. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस रास्ते होकर लोगों को काफी मुश्किल के साथ आना-जाना करना पड़ता है. कहा कि जरूरी तैरने में सक्षम आदमी तो नदी को तैर कर पार कर लेते हैं, लेकिन अधिकत्तर लोग जो तैरने नहीं जानते हैं उनके लिए नदी पार करना भारी मुसीबत हो जाती है. वर्षाकाल में टापू जैसा बना रहता है. उक्त समस्या के निदान के लिए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से शीघ्र पुल निर्माण की मांग की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है