मिहिजाम. नगर को साफ स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त रखने के लिए नगर विकास विभाग की ओर से मिहिजाम में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना के तहत संयंत्र स्थापित करने का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. इसका दुष्परिणाम यह है कि मिहिजाम नगर से एकत्रित किये जाने वाला कचरा राजबाड़ी के खुले में डंप हो रहा है. इससे आसपास का वातावरण प्रदूषित भी हो रही है. नगर के 20 वार्ड से रोजाना घरों से कचरा का उठाव कर इस सफाई वाहन से लाकर संयंत्र स्थल राजबाड़ी में डंप किया जाता है. रोजाना करीब 15 टन सूखा एवं गीला कचरा जमा होता है. लेकिन संयंत्र के प्रारंभ नहीं होने से कचरा खुले में रखा जाता है. संयंत्र स्थल के निकट कचरों का अंबार लग गया है. आवारा पशु इस कचड़े को अपना आहार बना रहे हैं. गर्मी के दिनों में तेज हवाओं से कचरा आसपास फैलकर हवा को प्रदूषित करती है. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट संयंत्र का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है. निर्माण स्थल पर शेड व रीसाइक्लिंग मशीन स्थापित की गयी है. हालांकि इस बाबत बताया गया है कि संयंत्र को प्रारंभ करने के लिए पर्यावरण क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण आगे का कार्य रुका पड़ा है. 30 टन कचरे का होगा निस्तारण : प्रस्तावित प्लांट में रोजाना करीब 30 टन कचरा निस्तारण करने की योजना है. नगर परिषद क्षेत्र से निकलने वाले कचरा का रीसाइक्लिंग करने के लिए ””””सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना के स्वीकृति वर्ष 2012 में दी गयी थी. कई स्तर पर विवाद के बाद नगर के राजबाड़ी में इसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो पाया था. योजना के स्वीकृति राशि 2012 में 72 करोड़ 16 लाख 85 हजार रुपये थीं. योजना के तहत गार्बेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पहल किया गया था. इससे नगर में रोजाना जमा हो रहे कचरे का निस्तारण के साथ स्थानीय युवकों को रोजगार मिलने की भी उम्मीद है. संयंत्र में कचरे को रिसाइक्लिंग कर खिलौने, प्लास्टिक का सामान, आयरन का सामान आदि का निर्माण होना है. साथ ही रोजाना संग्रह हो रहे कचरों के निष्पादन भी हो पायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है