जामताड़ा. शिक्षा ही सबसे बड़ी दौलत है. देश के विकास के लिए हर एक व्यक्ति को शिक्षा हासिल करना आवश्यक है. देश की आजादी के बाद अल्पसंख्यक मुसलमान काफी शैक्षणिक और सामाजिक रूप से पिछड़ेपन का शिकार है. उक्त बातें झारखंड प्रदेश मोमिन कॉन्फ्रेंस के प्रदेश महासचिव डॉ नबी अख्तर ने जामिया मिस्बाह लिल बनात पत्थरचपड़ा मदरसा में कही. उन्होंने कहा कि मोमिन कॉन्फ्रेंस का शैक्षणिक जागरुकता कार्यक्रम अहम मुद्दा है. मदरसा शिक्षा भी सरकार की अनदेखी से काफी कमजोर है. उर्दू, अरबी के अलावा हिंदी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और कंप्यूटर शिक्षा भी मदरसा पाठ्यक्रम में रखा गया है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार प्रत्येक साल शिक्षा पर बजट तैयार करती है. लेकिन अल्पसंख्यक मदरसा बजट के दायरे से बाहर रहता है. सरकार कुछ मदरसा को अनुदान सहायता भी देती है. लेकिन अधिकतर मदरसा अछूता है. झारखंड प्रदेश मोमिन कांफ्रेंस के जामताड़ा जिला कार्यकारी अध्यक्ष हाफिज नाजीर हुसैन ने कहा कि झारखंड सरकार भी सभी जिलों में मदरसा शिक्षा को मजबूत करने का पहल करे और कार्य योजना बनाकर मदरसा में लागू करें. मौके पर मौलाना इमरान, मौलाना असगर अली, मुस्ताक शेख, मौलाना अब्दुल रज़्ज़ाक़, मुहम्मद मुस्तकीम, अब्दुल जब्बार, मौलाना सद्दाम, मौलाना सलीम केसर आदि मौजूद थे.
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