Jharkhand Chunav 2024: जामताड़ा, उमेश कुमार- झारखंड विधानसभा चुनाव में सियासी दल पूरे दमखम से प्रचार में लगे हैं. इस बीच टिकट बंटवारे से नाराज रुठों को मनाने का भी सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा पूर्व मंत्री सत्यानंद झा बाटुल के आवास पहुंचे. बता दें, सत्यानंद झा बाटुल नाला विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन, पार्टी से टिकट नहीं मिला. इससे नाराज होकर उन्होंने बीजेपी से किनारा करते हुए निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया. अब उन्हें मनाने असम के सीएम और झारखंड में बीजेपी विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी हिमंता बिस्व सरमा पहुंचे
बंद कमरे में घंटों हुई बातचीत
हिमंता बिस्वा सरमा और सत्यानंद झा बाटुल के बीच कई घंटे तक बातचीत हुई. हिमंता बिस्वा सरमा ने बाटुल को मनाने उनके बनकाटी गांव गए थे. बातचीत के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि जो भी कारण से हम बाटुल को टिकट नहीं दे पाए, इस कारण वो पार्टी से नाराज हो कर निर्दलीय चुनाव लड़ने जा रहे हैं. ऐसे में हमने उन्हें समझाने की कोशिश की है कि इस बार चुनाव जीतना बीजेपी के लिए बेहद जरूरी है. हिमंता ने बाटुल से अपना नामांकन वापस लेने का आग्रह किया है.
सम्मानित पद देने का दिलाया भरोसा
वहीं, बातचीत के दौरान हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि इस बार अगर झारखंड में बीजेपी की सरकार बनने पर या केंद्र में उन्हें एक सम्मानित पद देंगे. सरमा ने कहा कि बाटुल झा बीजेपी के काफी पुराने कार्यकर्ता हैं. पार्टी को उनकी मदद की जरूरत है. हम आने वाले समय में उनके राजनीतिक भविष्य को पूरी तरह सुरक्षित करने की कोशिश करेंगे.
क्या मान जाएंगे सत्यानंद बाटुल झा
हिमंता बिस्वा सरमा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वो यहां सत्यानंद झा बाटुल को मनाने आए हैं. वो पार्टी से नाराज हैं. उन्होंने कहा कि वो उम्र में बड़े हैं इसलिए उनसे आग्रह किया है वो अपनी नाराजगी को खत्म कर दें. साथ ही अपने नामांकन को वापस ले लें. सरमा ने यह भी कहा कि मानना या नहीं मानना अब बाटुल झा पर निर्भर करता है. हमले अपना काम किया है.
सत्यानंद बाटुल ने दिया यह जवाब
वहीं हिमंता बिस्व सरमा से बातचीत को लेकर जब सत्यानंद झा बाटुल से मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने साफ तौर पर कुछ नहीं कहा. बाटुल ने बताया कि झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी से सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने आज उनसे मुलाकात कर कई बातों का जिक्र किया है. लेकिन जो फैसला लेना है वो हम लोग अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक बातचीत के बाद लेंगे.
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