रसोइयाओं को न्यूनतम मजदूरी दे झारखंड सरकार

रसोइया-संयोजिका सभा ने 11 सूत्री मांगों को लेकर शनिवार को समाहरणालय के समक्ष धरना दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 21, 2024 8:16 PM

जामताड़ा. झारखंड राज्य सरस्वती वाहिनी रसोइया-संयोजिका सभा ने 11 सूत्री मांगों को लेकर शनिवार को समाहरणालय के समक्ष धरना दिया. सभा के मुख्य संरक्षक अरुण मंडल ने कहा कि आजादी के 77 साल बाद भी विद्यालयों में एमडीएम बनाने का काम करने वाली रसोइया माताएं-बहनें गुलामी की जिंदगी जीने के लिए मजबूर है. सरकार की ओर से रसोईया को प्रतिदिन 70 रुपये ही मजदूरी दिया जाता है. यह कोई न्यूनतम मजदूरी नहीं है. रसोइयाओं को न्याय नहीं मिल रहा है. संयोजिकाओं को तो मुफ्त में ही काम करना पड़ रहा है. ये लोग न्याय के लिए जाएं तो कहा जाएं. सरकार के पास या न्यायालय जाने में भी न्याय नहीं मिलता है. सरकार हमारी मांगें पूरी करे, अन्यथा आंदोलन किया जायेगा. वहीं धरना-प्रदर्शन को बीरेन मंडल, बिटिया मांझी, कामेश्वर तुरी आदि ने भी संबोधित किया. इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम से उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा. मौके पर वीणा देवी, ललीता देवी, फुलमनी देवी, अनिता मुर्मू, जोबामुनी हेंब्रम आदि मौजूद थीं.

ये है 11 सूत्री मांगें :

रसोइया को प्रतिदिन 70 रुपये नहीं पूरी मजदूरी दी जाय, न्यूनतम मजदूरी के कानून का पालन किया जाय, रसोइया को बीमा की सुविधाएं दी जाय, सभी को चिकित्सा भत्ता एवं पोशाक दी जाय, रसोइया की संख्या का पुनर्निधारण छात्रों के संख्या के आधार पर किया जाय, सभी को पेंशन की सुविधा एवं मुफ्त चिकित्सा सुविधा दी जाय, समान काम का समान वेतन दिया जाय, मातृत्व एवं विशेष अवकाश की सुविधाएं दी जाय, विद्यालयों में पोषाहार को नियमित किया जाय, संयोजिका को उनके पारिश्रमिक के लिए मानदेय सुनिश्चित कर दी जाय, रसोइयाओं को मजदूरी की राशि हर माह नियमित भुगतान किया जाय, रसोइयाओं का नियमितिकरण किया जाय.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version