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भक्तों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मां की आराधना कर आशीर्वाद मांगा

चौथे दिन श्रद्धालुओं ने की मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना, आज होगी स्कंदमाता की पूजा

जामताड़ा. नवरात्र को लेकर चौथे दिन कुष्मांडा देवी की पूजा हुई. नवरात्र को लेकर चहुंओर हर्षोल्लास है. श्रद्धालु अपने- अपने घरों व मंदिरों में माता की पूजा अर्चना, पाठ करा रहे हैं. प्रतिदिन मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. वहीं पूजा को लेकर मंदिरों में विद्युत साज-सज्जा लगाया जा रहा है तो माता की प्रतिमा का अंतिम रूप दिया जा रहा है. विभिन्न मंदिरों में भव्य व आकर्षक पंडाल तैयार कर रहा है. शहर के गांधी में चारों ओर, कायस्थपाड़ा दुर्गा मंदिर कमेटी की ओर से विद्युत साज सज्जा लगाया गया है. जिससे काफी आकर्षक दिख रहे हैं. साथ ही शहर में माता के भक्तिगीत गुंज रहा है. वहीं नवरात्रि के पांचवें दिन मां के पंचम स्वरूप माता स्कंदमाता की पूजा-अर्चना होगी. भगवती के स्कंदमाता स्वरूप की उपासना नवरात्र की पंचमी तिथि पर विशेष रूप से की जाती है. देवी के इस स्वरूप की आराधना से व्यक्ति की सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं. वहीं उसके मोक्ष का मार्ग भी सुलभ हो जाता है. दुर्गा सप्तशती की पाठ से माहौल हुआ भक्तिमय मुरलीपहाड़ी . मां भगवती की आराधना के पावन पर्व शारदीय नवरात्र के चौथे दिन रविवार को मां दुर्गा के चौथे स्वरूप कुष्मांडा देवी का वैदिक विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की गयी. मंदिरों और पूजा पंडालों में सुबह से लेकर देर शाम देवी भक्तों की भीड़ रही. घरों में मां का पूजन और दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया. घरों में कलश स्थापित कर पूजा-अर्चना करने के साथ मंदिरों में भी भक्तों ने मत्था टेक कर मां से मनोकामना सिद्ध करने की प्रार्थना की. भक्तों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मां की आराधना कर आशीर्वाद मांगा. मंदिरों के अलावा पूजा पंडालों में भी मां के दर्शन के लिए भक्त उमड़ पड़े. मान्यता है कि श्रद्धा भाव से मां कुष्मांडा को जो भी अर्पित किया जाये उसे वो प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार कर लेती है. मंदिरों में सप्तमी के दिन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी. क्षेत्र में दुर्गा पूजा की आहट शुरू हो गयी है. मान्यता है कि मां कुष्मांडा ने सृष्टि की रचना की थी. शास्त्री सूर्य प्रकाश मिश्रा ने कहा कि शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि मां कुष्मांडा की पूजा विधिवत तरीके से करने से व्यक्ति हर तरह के दुख-दरिद्रता से निजात पा लेता है और जीवन में खुशियां ही खुशियां आती है. मां कुष्मांडा की पूजा करने से सभी दुखों से छुटकारा मिलता है. घर में धन संपदा की प्राप्ति भी होती है.

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