जामताड़ा. नारायणपुर प्रखंड स्थित प्रसिद्ध करमदाहा मेला न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का स्रोत बन चुका है. मेले में प्रतिदिन हजारों लोग आते हैं, जिससे स्थानीय दुकानदारों और व्यापारियों को आर्थिक समृद्धि मिल रही है. खास बात यह है कि इस बार मेला के डाक दर में भी दुगना इजाफा हुआ है. सर्दियों के मौसम में भी मेला क्षेत्र में इतनी अधिक भीड़ हो रही है कि पैदल चलने के लिए भी जगह नहीं है. लोग मेले का आनंद लेते हुए दिखाई दे रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि भीड़-भाड़ के कारण व्यापार में उछाल आया है. यह स्थिति लंबे समय तक बने रहने की उम्मीद कर रहे हैं. आसपास के क्षेत्रों में भी व्यापार में अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है. मेला कमेटी ने प्रशासन से इस मेले का समय सीमा बढ़ाने की मांग की है, ताकि और लोग इस ऐतिहासिक मेले का हिस्सा बन सकें. मेला कमेटी के अध्यक्ष इलियास अंसारी ने कहा कि यहां सभी प्रकार का सामान उपलब्ध है, जो स्थानीय लोग अपनी बेटियों की शादी के लिए खरीदते हैं. मेले का आयोजन स्थानीय परिवारों के लिए महत्वपूर्ण है, जो हर साल दुकान लगाकर अपनी सालभर की कमाई जुटाते हैं. करमदाहा मेला केवल नारायणपुर प्रखंड तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जामताड़ा, धनबाद, गिरिडीह, देवघर, मधुपुर, और यहां तक कि पश्चिम बंगाल और बिहार से भी लोग यहां आ रहे हैं. मकर संक्रांति पर आयोजित होने वाला यह मेला अब अपने चरम पर है.
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